एएमयू शिक्षकों में आपसी रार
अलीगढ़ : एएमयू कुलपति जमीरउद्दीन शाह के खिलाफ फेसबुक पर कमेंट करने के मामले में अमुटा सदस्यों की अलग-अलग राय हो गई है। एसोसिएशन के सदस्यों ने 24 जुलाई को अमुटा की बैठक में कुलपति के खिलाफ जारी प्रस्ताव को एक मत से जारी प्रस्ताव नहीं बताया है।
उल्लेखनीय है कि वीसी के खिलाफ कमेंट करने वाले इतिहास विभाग के रीडर डॉ. सैयद नदीम रिजवी को इंतजामिया ने निलंबित कर दिया था, जिसका अमुटा अध्यक्ष, सचिव समेत अन्य सदस्यों ने विरोध किया था। एसोसिएशन के इस फैसले को सात सदस्यों ने चुनौती दी है। पीआरओ कार्यालय के जरिये प्रॉक्टर कार्यालय के गार्ड द्वारा समाचार पत्रों को भेजे पत्र में सात सदस्यों का हवाला दिया गया है। इनमें डॉ. बाबू बक्स मंसूरी, डॉ. शीबा मंजूर, डॉ. हसमत अली खान, डॉ. एमए, डॉ. मो. मोहसिन खान, डॉ. एमए बिलाल हुसैन, डॉ. आमिर उसमानी शामिल हैं। उक्त लोगों के जरिये पत्र में कहा गया है कि अमुटा ने जो प्रस्ताव पास किया था वह एक राय से नहीं था। डॉ. रिजवी ने सोसल मीडिया पर जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया वह कतई उचित नहीं हैं। मांग की गई है कि अमुटा अपने प्रस्ताव को वापस ले। वहीं अमुटा सचिव प्रो. आफताब आलम ने कहा है कि प्रस्ताव एक राय से पास हुआ था। डॉ. मो. मोहसिन खान, डॉ. एमए बिलाल हुसैन, डॉ. आमिर उसमानी खुद इस मीटिंग में थे। अमुटा में आपस में रार शुरु होने को एएमयू शिक्षक उचित नहीं मान रहे। कुछ शिक्षकों का कहना था कि शिक्षकों की समस्या रखने का अमुटा ही एक मंच है। अगर इसमें भी दो फाड़ हो जाएंगे तो शिक्षकों की कौन सुनेगा।