बसपा नेताओं पर उतारा गुस्सा
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : तीन दलितों के शवों का जल्दी पोस्टमार्टम कराने के लिए पहुंचे बसपाइयों पर गांव वाले बरस पड़े। ग्रामीणों ने कहा कि दलितों की हत्या हो रही है। उत्पीड़न हो रहा है और बसपा नेता गायब हैं। न विधानसभा में उनकी आवाज बुलंद हो रही है, न ही लोकसभा में। इसे लेकर पार्टी जिलाध्यक्ष समेत कई लोगों से गांव वालों की नोक-झोंक तक हो गई।
सीएमओ ने पोस्टमार्टम हाउस में स्थाई सफाई कर्मी कुलदीप को तैनात किया था, लेकिन तीनों शव आए तो उन्हें अंदर रखवाने वाला तक कोई न था। कुलदीप के गायब होने की सूचना सीएमओ को मिली तो खुद ही पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। मालूम चला कि कुलदीप कपड़े लेने अपने घर इगलास चला गया है। बाद में, उसी दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मी को बुलाया गया, जिस पर मुकदमा दर्ज है। पोस्टमार्टम हाउस पर गुरुवार को बसपा के जोनल कोआर्डिनेटर व एमएलसी सुनील कुमार चित्तौड़, पूर्व मंत्री ठा. जयवीर सिंह, जिलाध्यक्ष गजराज सिंह विमल, सूरज सिंह, संघ रतन सेठी, रामअवतार आदि भी पहुंचे हुए थे। बसपा से जुड़े ग्रामीणों और दूसरे समर्थकों ने कहा कि दलितों पर जुल्म हो रहे हैं। बसपा समर्थक मोतीलाल जिलाध्यक्ष गजराज विमल से भिड़ गए। इसके बाद ग्रामीण पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए डीआइजी दफ्तर पहुंच गए। यहां के बाद कलक्ट्रेट में भी प्रदर्शन किया और एडीएम वित्त से दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।
वीडियोग्राफी हुई
परिजनों की मांग पर पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी कराई गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तीनों की मौत लाठी-डंडों और सरिया से चोट लगने से बताई गई है।
पुलिस लाइन में पहरेदारी
पुलिस-प्रशासन को कप्तान दफ्तर पर प्रदर्शन की आशंका थी। एसएसपी ने दफ्तर की ओर के चारों रास्तों में आवाजाही बंद कराते हुए पुलिस तैनात कर दी थी।
घायल की सुरक्षा
वीरमपुर कांड के परिजनों ने घायल प्रताप की जान को दबंगों से खतरा बताया है। एसपी क्राइम एके सिंह ने प्रताप की सुरक्षा में एक दारोगा व दो सिपाहियों की ड्यूटी लगाई है।
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इनका कहना है
विरोध करने वाले बसपाई नहीं थे। सपा के ही कुछ लोग ऐसा कर रहे थे। जहां तक विधानसभा-लोकसभा में आवाज उठाने की बात है, पार्टी दलितों की आवाज बुलंद कर रही है।
- गजराज सिंह विमल, जिलाध्यक्ष बसपा।