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तीन दलितों की पीट-पीटकर हत्या

By Edited By: Published: Thu, 24 Jul 2014 02:16 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jul 2014 02:16 AM (IST)
तीन दलितों की पीट-पीटकर हत्या

अलीगढ़ : मेड़ के विवाद में बुधवार को वीरमपुर गांव में जमकर खूनी खेल हुआ। लाठी-डंडों व फरसों से लैस गांव के रिटायर्ड होमगार्ड और उसके परिजनों ने एक दलित परिवार के चार लोगों को पीटकर मरणासन्न कर दिया। उन्हें जिंदा ही दफना देने की कोशिश तक की। घायलों को जेएन मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां तीन ने दम तोड़ दिया। एक की हालत नाजुक बनी हुई है। घटना के बाद तनाव को देखते हुए गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस ने रिटायर्ड होमगार्ड व उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया है।

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यह वारदात हुई, जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर थाना लोधा क्षेत्र के गांव वीरमपुर में। गांव में पुरुषोत्तम शर्मा रिटायर्ड होमगार्ड हैं। पुरुषोत्तम और मेवाराम जाटव का खेत सटा हुआ है। इनके बीच खेत की मेड़ को लेकर करीब 15 साल से विवाद चला आ रहा है। दरअसल, मेवाराम को गाटा संख्या 19 में कृषि आवंटन के बतौर एक बीघा, उनके भाई बाबूलाल व बहन बसंती देवी को छह-छह बीघा जमीन आवंटित हुई थी। मेवाराम के बेटे प्रताप उर्फ कालू ने तीन बीघा जमीन खरीद ली थी। पड़ोसी पुरुषोत्तम शर्मा मौके की इसी गाटा संख्या में 40 बीघा जमीन है। मेवाराम पक्ष के कब्जे वाले हिस्से को पुरुषोत्तम अपना हिस्सा बताते रहे हैं।

मुकदमेबाजी

एक ही गाटा संख्या में विवाद को लेकर पुरुषोत्तम ने गभाना तहसील में मेड़बंदी का मुकदमा डाल रखा था। बताते हैं कि पुरुषोत्तम के हक में फैसला हो चुका है। इसे लेकर महीनेभर पहले इलाकाई लेखपाल व कानूनगो ने पक्की मेड़बंदी भी करा दी थी। पुलिस के मुताबिक 15 दिन पूर्व मेड़बंदी को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई थी। पुलिस ने मेवाराम के बेटे प्रताप को शांति भंग में गिरफ्तार कर लिया था। बाद में, पुरुषोत्तम ने विवादित जमीन पर ट्रैक्टर चलाकर धान की पौध लगवा दी थी।

खूनी खेल

बुधवार को पुरुषोत्तम व उनके पक्ष के आधा दर्जन लोग मेवाराम जाटव के घर पर लाठी-डंडे व फरसे से लैस होकर आ धमके। आरोप है कि हमलावरों ने मेवाराम के दो रिश्तेदारों को वहां से भगा दिया और घर पर मिले मेवाराम के भाई बाबूलाल, बहन बसंती देवी, बेटे कैलाश व प्रताप उर्फ कालू को पकड़ लिया। उन्हें पीटते हुए घर से करीब 200 कदम दूर कपास के खेत में खींच ले गए। हमलावरों ने चारो की बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी। लहूलुहान हाल में उन्हें जमीन में दफना देने को गढ्डा तक खोदना शुरू कर दिया। इस बीच, हमलावरों ने मेवाराम व कैलाश की पत्नी प्रवेश देवी को भी घेरने की कोशिश की। दोनों डर के मारे पड़ोसी के घर में छिप गए। इसके बाद हमलावर लौट गए।

ट्रिपल मर्डर

गांव में दुस्साहसिक घटना की जानकारी अन्य ग्रामीणों ने इलाका पुलिस को दी। एसओ लोधा अजीत सिंह फोर्स के साथ खेत लहूलुहान पड़े मिले चारो घायलों को जेएन मेडिकल कॉलेज लाए। यहां डॉक्टरों ने बसंती देवी (60), उनके भाई बाबूलाल (50) और कैलाश (25) को मृत घोषित कर दिया। प्रताप उर्फ कालू की गंभीर हालत गंभीर है। तीन दलितों की हत्या की खबर पाकर सीओ गभाना कल्याण सिंह, एसओ गभाना राजवीर सिंह यादव, महिला थाना एसओ संध्या वर्मा, एसडीएम राजपाल सिंह, तहसीलदार ओउमवीर सिंह, एसपी क्राइम अरुण कुमार सिंह पहुंचे। पीछे से एसएसपी मोहित गुप्ता व डीआइजी सत्येंद्रवीर सिंह भी भारी पुलिस बल लेकर घटनास्थल की जायजा लिया।

दो गिरफ्तार

मेवाराम के बेटे बॉबी ने पुरुषोत्तम शर्मा, उसके भाई घनश्याम शर्मा, बेटे मूलचंद शर्मा, कालू उर्फ राजकुमार, बालकराम, मूलचंद की पत्नी रेखा व मंजू आदि के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। एसपी क्राइम अरुण कुमार सिंह ने बताया कि हत्याकांड के मुख्य आरोपी रिटायर्ड होमगार्ड पुरुषोत्तम शर्मा व उसके भाई घनश्याम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अन्य की तलाश में दबिश दी जा रही है।


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