सांस में दिक्कत पर कराएं पीएफटी जांच
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : धूल, प्रदूषण से श्वांस रोग बढ़ रहे हैं। धूमपान से सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) बढ़ रही है। इन रोगों के इलाज के लिए 'हैलो जागरण' में जेएन मेडिकल कॉलेज के क्षय रोग विशेषज्ञ प्रो. राकेश भार्गव ने पाठकों को परामर्श दिया।
मेरी उम्र 42 साल है। चलने पर सांस टूटती है। गले से आवाज भी आती है।
- कृपाल सिंह, अर्राना
आपको दमा हो सकता है। पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट (पीएफटी) कराना होगा। इससे पता चलेगा कि कितनी सांस आती है। फिर दवा दी जाएगी। आपको सूंघने वाली गोली लेनी होगी। बीमारी ठीक हो जाएगी। इलाज कितने दिन चलेगा, यह बीमारी की अवधि पर निर्भर करता है।
बाइक पर घूमता हूं। खांसी होने पर सफेद व हल्का काला कफ आता है। यह किसी बीमारी का लक्षण तो नहीं?
- रंजीत, आइटीआइ रोड
यह बीमारी का लक्षण नहीं है। आप बाइक पर घूमते हैं। घूमते वक्त धूल-मिट्टी व प्रदूषण शरीर के अंदर पहुंचता है। वही कफ के रूप में निकल जाता है। अधिकतर बाइक चलाने वालों को ऐसा होता है। घबराने की बात नहीं। कफ आना अच्छी बात है। गंदगी बाहर निकल जाती है।
मेरी उम्र 50 साल है। सांस फूलती है। पसलियों में दर्द रहता है।
- गणेश, अतरौली
इस तरह की परेशानी श्वांस व हृदय रोग के कारण होती हैं। आपको दिल की जांच करानी होगी। सांस की जांच भी करानी होगी, तब बीमारी का पता चलेगा। फिर इलाज होगा।
मेरी उम्र 88-90 साल है। कुछ साल पहले टीबी था। ठीक हो गया। अब सांस फूलने लगी है।
- गोपालदास, मसूदाबाद
टीबी के बाद सांस की तकलीफ होना लाजिमी है। बीड़ी पीते हैं तो छोड़ दें। सांस की जांच करा लें, फिर इलाज किया जाएगा।
सीओपीडी के लक्षण क्या होते हैं?
- सुरेश, बेगमबाग
धूमपान करने से होता है। यह फेफड़ों का रोग है। इसमें सांस फूलने लगती है। खासी के साथ पीला या हरा बलगम आता है। इस बीमारी का समय से इलाज जरूरी है। देरी मौत का कारण बन सकती है।
आइएलडी कौन सा रोग है। क्या लक्षण हैं?
- चमन कुमार, सरोज नगर
इंटर्सटीशियल लंग डिजीज (आइएलडी) पेट में एसिडिटी के कारण हो जाती है। इसमें लंग सिकुड़ जाता है। इसमें भी सांस लेने में दिक्कत होती है। यह रोग 50 की उम्र के बाद ज्यादा होता है। इलाज में काफी समय लगता है।
मेरी सात साल की बेटी है। डॉक्टर ने उसे ब्रॉंकाइटिस बताया है। खांसी बहुत आती है।
- अजय, जयगंज
सूंघने वाली दवा बच्चे को देते रहें। बीमारी ठीक हो जाएगी। अगर, आप बच्चे को दवा नहीं देते तो उसका विकास रुक सकता है।
इनके साथ ही काजिमाबाद से किरण कुमार, गौंडा से जमीर, नगला तार से आरके गुप्ता, छर्रा से कुलदीप कुमार, सादाबाद से यशोदा, गंगीरी से लक्ष्मण सिंह आदि ने भी फोन करपरामर्श लिया।