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राग-द्वेष रहित भक्ति से मिलती है मुक्ति

By Edited By: Published: Thu, 24 Jul 2014 12:54 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jul 2014 12:54 AM (IST)
राग-द्वेष रहित भक्ति  
से मिलती है मुक्ति

अलीगढ़ : कस्बा के मुहल्ला उपाध्याय में चल रही रामकथा में बुधवार को फूलों की होली खेली गई, जिसमें सैकड़ों महिलाओं व पुरुष श्रद्धालुओं ने जमकर होली आनंद लिया। भजनों पर इस कदर झूमे कि भक्ति की बयार चल उठी। इससे पूर्व प्रवचन करते हुए साध्वी सुमन भारद्वाज ने कहा कि राग द्वेष रहित भक्ति ही मनुष्य को मुक्ति दिला सकती है। भगवान को पाने का कलियुग में और कोई साधन नहीं है। संसार में नारी का स्थान सबसे ऊंचा रहा है। उसको बड़े ही आदर के साथ देखना चाहिए। अनुज और पुत्रवधू पर गलत दृष्टि रखने वालों का सर्वनाश होता है। उन्होंने बताया कि भगवान को पाना है तो मन और इद्रियों को वश में करना होगा। इस अवसर पर राकेश गौतम रक्को, अजीत आढ़ती, संजय गौतम, रमेशचन्द्र शर्मा, नरेंद्र गौड़, कैलाश शर्मा, हरिओम गुप्ता, बृजमोहन गर्ग आदि उपस्थित थे।


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