31 दिन की हुई फरवरी!
अलीगढ़: अभी तक तो आपने यही पढ़ा-सुना होगा कि फरवरी 28 दिन (चौथे साल में 29) की ही होती है। लेकिन, बात अलीगढ़ की हो तो यह महीना भी 31 दिन का हो जाता है। आठ शिक्षकों ने तो यही किया। फरवरी में 31 दिन हाजिरी भी लगा मारी। तनख्वाह पाने के लिए हाजिरी प्रपत्र प्रमाणित करने के लिए भेजा तो पोल खुली। बहरहाल, प्रधानाचार्य समेत सभी शिक्षकों का जवाब तलब किया गया है।
व्यवस्था
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी के लिए अटेंडेंस रजिस्टर होता है। स्कूल खुलते ही शिक्षकों को इसमें हस्ताक्षर करने होते हैं। वेतन के लिए भी एक प्रपत्र होता है। रोजाना इस पर भी दस्तखत करने का नियम है। बाद में, यही प्रपत्र तनख्वाह मंजूरी के लिए बीएसए कार्यालय में भेजा जाता है। इसी हाजिरी के हिसाब से वेतन बनता है।
हकीकत:इगलास ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय कजरौठ की बात ही कुछ अलग है। यहां आठ शिक्षक तैनात हैं। पर्याप्त शिक्षक हैं, सो सभी को आने की भी क्या जरूरत? हाजिरी में खूब खेल भी चलता है। नजीर देखिये.. शिक्षकों ने फरवरी में 31 दिन की हाजिरी लगा दी। वैसे, इस साल फरवरी में कुल 28 दिन ही थे। इगलास के खंड शिक्षा अधिकारी जाकिर हुसैन के पास 31 दिन की हाजिरी वाला प्रपत्र जब प्रमाणित करने को पहुंचा तो उनका माथा चकराया। किसी एक शिक्षक ने ऐसी गलती की होती तो यह सामान्य चूक हो सकती थी, लेकिन 28 दिन के महीने में 31 दिन काम का दावा प्रधानाध्यापक किशनलाल के साथ चार सहायक अध्यापकों व तीन अनुदेशकों ने भी किया था।
मांगा स्पष्टीकरण
बजट के अभाव में शिक्षकों का फरवरी का वेतन मार्च में नहीं मिल सका था। लिहाजा, मार्च में शिक्षकों ने हाजिरी भी प्रमाणित नहीं कराई। अब वेतन बिल बन रहा है। सो, हाजिरी का प्रमाण पत्र एबीएसए के पास भेजा गया। एबीएसए ने प्रधानाध्यापक समेत पूरे स्टॉफ का जवाब तलब किया है। इनके विरुद्ध कार्रवाई तय मानी जा रही है।
इनका कहना है
यह मामूली नहीं, अचंभित करने वाली गलती है। इससे साफ है कि वेतन प्रपत्र पर नियमित दस्तखत नहीं किए जा रहे। यह एक दिन में तैयार किया गया है। पूरे स्टॉफ से स्पष्टीकरण मांगा है। जबाव आने पर आगे की कार्रवाई होगी।
- जाकिर हुसैन, एबीएसए, इगलास