रानी के प्यार की कहानी खत्म
मुख्य संवाददाता, अलीगढ़ : मुन्नालाल चोरी के आरोप में जेल के बंद जरूर था, लेकिन कुल जिंदगी का संघर्ष व प्रतापगढ़ की रानी से हुई लव मैरिज की कहानी रोचक है। पति की मौत के बाद मोर्चरी पर दहाड़ मारकर रोती रानी की जुबां पर सिर्फ यही सवाल था कि तीसरी बेटी की शादी अबप कैसे होगी?
सिकंदराराऊ के गांव महमूदपुर निवासी रामलाल के तीन बेटे और एक बेटी में मुन्नालाल सबसे छोटा था। परिवार पर शुरू से ही गरीबी की छाया रही। करीब तीन दशक पहले मुन्नालाल को गांव और आसपास के इलाकों में कोई काम नहीं मिला तो वह प्रतापगढ़ जाकर मेहनत मजदूरी करने लगा। वहीं की रहने वाली रानी से उसके नैना चार हो गए। यह महिला भी गरीब परिवार से ताल्लुक रखने के साथ पूड़ी बेल कर गुजारा करती थी। बाद में दोनों ने संग-संग जिंदगी बिताने का फैसला किया और इलाहाबाद में कोर्ट मैरिज कर ली। उसके बाद यहां गांव में आकर रहने लगे। उन्हें तीन बेटियां हुई, दो की शादी हो गई। तीसरी 14 साल की है। रानी की मानें तो उसका पति चोर नहीं था। उसे झूठा फंसाया गया था। अब जेल में ही मौत हो गई। मौत का कारण कुछ भी हो मगर उसे तो चिंता इस बात की है कि तीसरी बेटी की शादी कौन करेगा व किसके सहारे वो जिंदगी की नैया को पार लगाएगी?
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