पहले जनलोकपाल फिर कोई और बात
कार्यालय संवाददाता, अलीगढ़ : जनतंत्र यात्रा दूसरे दिन अलीगढ़ में देश के अगले प्रधानमंत्री के नाम पर अन्ना हजारे ने चुप्पी साध ली। फिर बोले, पहले जनलोकपाल, उसके बाद कोई और बात।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में संस्थापक सैयद अहमद की मजार पर चादर चढ़ाने के बाद कुछ पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया और मोदी के मुद्दे पर सवाल पूछने लगे।
उन्होंने कहा बिना जनलोकपाल लाए प्रधानमंत्री भी भ्रष्टाचार नहीं रोक सकते वरना आज घोटालों की बाढ़ न होती। देश की चाभी जनता के हाथ में होनी चाहिए। जनता उसे हटाने में सक्षम हो जनता को ये अधिकार मिलना चाहिए जो जनलोकपाल से ही संभव होगा। देश भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। जनता को जागरूक होना होगा।
अगस्त 2011 के आंदोलन के दौरान एक सोशल साइट पर अन्ना के सांप्रदायिक होने के आरोप पर सवाल किया गया तो अन्ना मुस्कराने लगे। बोले- जो जैसा चश्मा लगाता है, उसे वैसा ही दिखता है। इन बातों का मुझपर प्रभाव नहीं पड़ता। मैं सिर्फ अपने काम पर ध्यान देता हूं। महात्मा गांधी के बारे में क्या सोचते हैं? इस सवाल पर बोले कि वे बहुत बड़े आदमी थे। उनकी महानता और त्याग की कोई बराबरी नहीं। सर सैय्यद के बारे में कुछ खास तो नहीं जानता। हा इतना पता है कि वे शिक्षाविद् और समाज सुधारक थे। उनकी मजार पर आने का मकसद यही है कि धार्मिक स्थल एक-दूसरे को जोड़ते हैं।
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