विश्व का पहला नो फ्लाइंग जोन स्मारक बनेगा ताज महल
अभी तक दुनिया के किसी विश्वदाय स्मारक (मॉन्यूमेंट) या अन्य स्मारक का नो फ्लाइंग जोन तय नहीं किया गया है।
आगरा (जागरण संवाददाता)। दुनिया का सातवां अजूबा ताज महल विश्व का पहला नो फ्लाइंग जोन स्मारक बनने जा रहा है। ताज के 500 मीटर के दायरे में हर उड़ान प्रतिबंधित की जाएगी। इसके बाहर 2000 मीटर की परिधि तक रेगुलेटेड जोन बनाया जाएगा। सुरक्षा कारणों से यह व्यवस्था की जा रही है।
ताज के ऊपर विमानों के उड़ान भरने या हॉट एयर बैलून फेस्टिवल के दौरान बैलून आने पर सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं। इन मामलों में कड़ी कार्रवाई नहीं हो पाती, क्योंकि ताज का नो फ्लाइंग जोन अब तक तय नहीं था। सुरक्षा एजेंसियां इसके लिए मांग करती रही हैं। हाल में गृह मंत्रलय ने उप्र के नागरिक उड्डयन विभाग से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी थी।
पिछले शुक्रवार को डीएम गौरव दयाल ने संबंधित विभागों व सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक की। इसी में नो फ्लाइंग और रेगुलेटेड जोन बनाने का किया गया। नो फ्लाइंग जोन में 3000 फुट की ऊंचाई तक उड़ान पर पाबंदी रहेगी, जबकि रेगुलेटेड जोन में उड़ान को सक्षम अधिकारी से अनुमति की आवश्यकता होगी।
अभी तक दुनिया के किसी विश्वदाय स्मारक (मॉन्यूमेंट) या अन्य स्मारक का नो फ्लाइंग जोन तय नहीं किया गया है। उपनिदेशक पर्यटन दिनेश कुमार ने बताया कि यह प्रस्ताव नागरिक उड्डयन विभाग उप्र को भेजा जाएगा।
नो फ्लाइंग जोन की प्रक्रिया: जिले से गए प्रस्ताव को प्रदेश सरकार का नागरिक उड्डयन विभाग मंजूरी देकर केंद्रीय गृह मंत्रलय को भेजेगा। वह उस पर सुरक्षा एजेंसियों और विभागों के साथ विचार कर अंतिम लेगा।
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बैलून फेस्टिवल और हवाई भ्रमण: पर्यटन विभाग द्वारा पिछले दो वर्ष से हॉट एयर बैलून फेस्टिवल कराया जा रहा है। आगरा के हवाई भ्रमण को हेलीपैड बनाने के लिए सरकारी जगह की तलाश की जा रही है। अगर ताज के नो फ्लाइंग जोन के दायरे को अधिक रखा जाता, तो बैलून फेस्टिवल के साथ ही हेलीकॉप्टर से हवाई भ्रमण भी फंस जाता। इसे देखते हुए ताज की 500 मीटर की परिधि के बाहर रेगुलेटेड जोन बनाने की सिफारिश की जा रही है।
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