भोले के आंगन में कल बरसेगी श्रद्धा
- कांवर भी चढ़ेगी, तो सजेंगे छप्पन भोग और फूल बंगले - बिजली की रोशनी से मंदिरों को जगमग करने का क
- कांवर भी चढ़ेगी, तो सजेंगे छप्पन भोग और फूल बंगले
- बिजली की रोशनी से मंदिरों को जगमग करने का काम शुरू
जागरण संवाददाता, आगरा : महाशिवरात्रि, यानि भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का दिन। शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर शहर के प्रमुख महादेव मंदिरों के आंगन में श्रद्धा बरसेगी, तो धार्मिक आस्था का सागर उमडे़गा। महाशिवरात्रि पर देवालयों को जगमग करने की तैयारियां होने लगी हैं। फूल बंगलों सहित छप्पन भोग के दरबार भी सजाए जाएंगे।
राजेश्वर मंदिर
महंत पप्पू ठाकुर ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन कावड़ चढ़ाने वालों और पूजा करने वालों के लिए दो रास्ते बनाए जाएंगे। शुक्रवार को चार पहर की पूजा, रुद्राभिषेक के साथ आरती होगी। रात को शिव सहस्त्रनाम हवन और चौकी पूजा होगी। चौकी पूजा के बाद होली का हुड़दंग मचेगा, गुलाल उड़ाया जाएगा। शनिवार को बाबा का खप्पर भरा जाएगा।
कैलाश मंदिर सिकंदरा
मंदिर के महंत दिलीप गिरी और निर्मल गिरी ने बताया कि बाबा के दरबार में गुरुवार रात 12 बजे महारुद्राभिषेक होगा। पहली आरती रात 2 बजे होगी। अभिषेक के बाद मंगला आरती होगी। चार बजे मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे। बिजली की रोशनी से मंदिर सजेगा, तो फूल बंगला सजेगा। शाम को पूजा होगी, तो रात नौ बजे आरती होगी। पूरी रात जागरण होगा। हर दो घंटे बाद आरती और श्रृंगार होगा। 25 को होली खेली जाएगी।
रावली मंदिर
महंत आरती शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि की सुबह मंदिर में बाबा का रुद्राभिषेक होगा। फूल बंगला सजेगा। पांच आरती और अभिषेक होगा। रात को जागरण का आयोजन होगा, तो रात 8 बजे आरती के बाद झाकियां निकाली जाएंगी।
पृथ्वीनाथ मंदिर
महंत अजय राजौरिया के अनुसार, शिवरात्रि पर फूल बंगला सजाया जाएगा। भगवान को प्रसाद लगेगा। दर्शन होंगे तो बिजली की सजावट से मंदिर को सजाया जाएगा। बाबा की सभी पहर की पूजा होगी, तो अभिषेक और आरती की जाएगी। शनिवार सुबह बाबा का खप्पर कढ़ी और चावल से भरा जाएगा।
मन:कामेश्वर
महंत योगेश पुरी ने बताया कि शुक्रवार भोर में 2 से 4:30 बजे तक पूजा और मंगला आरती और बाबा का रुद्राभिषेक होगा। शाम 6 बजे बाबा की पूजा, रुद्राभिषेक, आरती होगी। रात 9:30 बजे बाबा की बरात निकासी की आरती-पूजा और रात 12 बजे द्वार पूजन के समय आरती-पूजा, रात दो बजे बाबा के भयंकर स्वरूप की आरती-पूजा, भोर में दूल्हा रूप में पूजा-आरती तो सुबह सात बजे बाबा की विदाई की आरती और पूजा होगी।