आगरा में हुई लूट का न माल मिला न सरगना, पुलिस ने पीठ ठोक ली
दो लुटेरों को गिरफ्तार कर पुलिस ने 1.12 लाख रुपये बरामद दिखाए और अपनी पीठ थपथपा ली, सर्राफ पुलिस के इस पर्दाफाश से नाराज हैं।
आगरा (जागरण संवाददाता)। मथुरा कांड के दिन रुनकता में हुई लूट की वारदात में पुलिस ने बुधवार को गुडवर्क कर लिया। वारदात का नौ दिन बाद पर्दाफाश किया लेकिन यह सवालों के घेरे में है। सर्राफ से लूटे 44 लाख के माल में गहने थे लेकिन पुलिस एक अंगूठी तक बरामद नहीं कर सकी। लुटेरे गैंग के सरगना मुंगेरी का भी पता नहीं है। दो लुटेरों को गिरफ्तार कर पुलिस ने 1.12 लाख रुपये बरामद दिखाए और अपनी पीठ थपथपा ली। सर्राफ पुलिस के इस पर्दाफाश से नाराज हैं।
रुनकता में 15 मई की शाम को सर्राफ दिनेश अग्रवाल दुकान बंद कर घर जा रहे थे। उसी वक्त बाइक सवार पांच बदमाशों ने उनको गोली मारकर गहनों और नकदी से भरा बैग लूट लिया था। उसी दिन मथुरा में ज्वैलरी शोरूम में डकैती के दौरान दो कारोबारियों की हत्या हुई थी। इसीलिए पुलिस पर घटना के पर्दाफाश का दबाव था।
आगरा दौरे पर आए डीजीपी भी जल्द खुलासे का आश्वासन दे गए थे। बुधवार को पुलिस ने रात 8.30 बजे पत्रकारवार्ता बुलाकर अपने गुडवर्क के बारे में जानकारी दी। एसपी सिटी कुंवर अनुपम सिंह ने बताया कि दिनेश अग्रवाल से लूट में शामिल सैंया के अजय और बल्देव के नगला अकोस निवासी रुस्तम उर्फ सत्यम को गिरफ्तार कर लिया है।
रुस्तम रुनकता में ही सर्राफ की दुकान के पास किराए पर रहता था। उसी ने रेकी की थी। गिरोह का सरगना आदिवासी बस्ती निवासी मुंगेरी है। किरावली के चांद समेत दो अन्य लुटेरे उसके साथ थे। घटना में मुख्य भूमिका इन्हीं की है। मगर, ये अभी फरार हैं। गिरफ्तार लुटेरों से 1.12 लाख रुपये, सफेद रंग की बिना नंबर की अपाचे बाइक, दो तमंचे बरामद हुए हैं।
रुनकता में ये माल लूटा था: सवा किलोग्राम सोने के आभूषण, लगभग 36 लाख रुपये के 117 किलो चांदी, 6.70 लाख रुपये, 1.75 लाख रुपये नकद। लेकिन केवल 1.12 लाख रुपये ही बरामद हो सके।
डीजीपी से मिलेंगे सर्राफ के पिता: गोली लगने से घायल सर्राफ दिनेश अभी अस्पताल में भर्ती हैं। उनके भाई राजेश अग्रवाल का कहना था कि दुकान में उन्होंने जिंदगी भर की कमाई लगाई थी। रात को वे दुकान से गहने और नकदी घर लेकर जाते थे। बदमाश सब कुछ लूट ले गए। दिनेश को होश आने के बाद मंगलवार को पुलिस को गहनों और नकदी की सूची दी गई। मगर, पुलिस भरोसा नहीं कर रही है। उनका कहना है कि जल्द ही वे कारोबारियों के साथ डीजीपी सुलखान सिंह से मिलेंगे।
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इसी तरह बैंक डकैती का पर्दाफाश: 22 मई 2014 को सदर स्थित विजया बैंक में बदमाशों ने डाका डाला। 13 लोगों को स्ट्रांग रूम में बंद कर बदमाशों ने 30 लाख लूट लिए। इसके बाद बैंक में आग लगाकर बदमाश भाग गए। पुलिस ने पांच दिन बाद ही बैंक के गार्ड सूरजभान और घास की मंडी निवासी योगेश राय को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश कर दिया। इनसे 6.92 लाख रुपये बरामद हुए। ग्वालियर के बदमाश फरार दिखाए थे। न तो पुलिस आज तक शेष रकम बरामद कर सकी और न ही फरार बदमाश को गिरफ्तार कर सकी है।
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