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'मन की बात' कह कम कीजिए दर्द, जानिये इस अनोखे कक्ष की क्या है खासियत

लोगों का गम कम करने को फीरोजाबाद जिला अस्पताल में खुला मन कक्ष। गोपनीयता की गारंटी के साथ काउंसलर सुनते हैं आपका दुखड़ा।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 05:40 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 05:40 PM (IST)
'मन की बात' कह कम कीजिए दर्द, जानिये इस अनोखे कक्ष की क्या है खासियत
'मन की बात' कह कम कीजिए दर्द, जानिये इस अनोखे कक्ष की क्या है खासियत

आगरा [राजीव शर्मा]: 'कहे हु ते कछु दुख घटि होई, काहि कहो यह जान न कोई .. रामचरित मानस की यह चौपाई फीरोजाबाद जिला अस्पताल में एक कमरे के बाहर लिखी हुुई है। इसका मतलब है कि मन का दुख कहने से वह कुछ घट जाता है, पर कहें किससे? इसी आधार पर जिला अस्पताल के एक कमरे में मन कक्ष बनाया गया है। यहां अवसादग्रस्त व अन्य लोग अपनी बातों को परामर्शदाता से कह सकेंगे।

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हर किसी के मन में कुछ न कुछ ऐसी पीड़ा होती है, जिससे वह दुखी रहता है। यह स्थिति पहले घुटन पैदा करती है, फिर बीमारियों का कारण बनती है। यदि आप ऐसे किसी गम में घुल रहे हैं तो फीरोजाबाद जिला अस्पताल में मनोचिकित्सक कक्ष के निकट खुले 'मन कक्ष' में जाएं। वहां पर महिला और पुरुष परामर्शदाता तैनात हैं। वे मन की बात सुन उचित सलाह भी देते हैं। यहां इस बात की गारंटी भी है कि आपके द्वारा कही गई बात, कहीं और नहीं जाएगी।

जानकारी के अभाव में कम आ रहे लोग

अस्पताल प्रशासन ने मन कक्ष खोल तो दिया है, लेकिन इसका प्रचार प्रसार नहीं कराया है। इस कारण यहां लोग मन की बात कहने नहीं आते। वहीं परामर्शदाता की ट्रेङ्क्षनग भी नहीं कराई है।

मन बात कहने से होता है दुख कम

फीरोजाबाद जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके पांडे के अनुसार कहते हैं कि मन की बात कह देने से दुख भले ही दूर न हो लेकिन कम जरूर हो जाता है। इसी बात का ध्यान में रखते हुए मन कक्ष खोला गया है। यह अवसाद से घिरे लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।


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