विश्व शौचालय दिवस पर नीति आयोग के सीईओ ने शौचालय के गड्ढे से निकाला काला सोना
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने सराहा शौचालय संसद अभियान। कहा देश भर में शुरू होंगे कार्यक्रम, स्वच्छता सचिव बताया यूनिक आइडिया।
आगरा, जेएनएन: विश्व शौचालय दिवस पर फीरोजाबाद देश में नजीर बन गया। गांव वाजिदपुर में सजी शौचालय संसद में नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत और भारत सरकार के स्वच्छता एवं पेयजल मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर भी शामिल हुए। दोनों अधिकारियों ने एक शौचालय के गड्ढे में तैयार काला सोना (खाद) भी निकाला। इस मौके पर सीईओ ने कहा कि देश तरक्की कर रहा है और आगे भी काफी संभावनाएं हैं।
जिला मुख्यालय से लगभग 14 किमी दूर स्थित फीरोजाबाद ब्लॉक के गांव वाजिदपुर में एक टॉयलेट पार्लियामेंट (शौचालय संसद) में शामिल होकर भारत सरकार के दोनों वरिष्ठ अधिकारी भी हैरत में रह गए। इस संसद में विश्व शौचालय दिवस के मौके पर छह प्रस्ताव पास हुए। कार्यक्रम के बाद जागरण से बातचीत में नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि हमारे देश की आर्थिक स्थिति अच्छी है। देश 7.5 फीसद की दर से तरक्की कर रहा है। पिछले तिमाही में वृद्धि दर 8.2 फीसद रही। कृषि, उद्योग और सेवा इन तीनों क्षेत्र में हमने काफी तरक्की है। भारत दुनिया का सबसे तेज विकास करने वाले देश बन गया है। तीन साल पहले हमारी विश्व में 142 वीं रैंक थी, जो अब हम 77 वें स्थान पर आ गए हैं। उन्होंने शौचालय संसद के कांसेप्ट की जमकर प्रशंसा की।
वहीं स्वच्छ भारत मंत्रालय के सचिव ने कहा कि फीरोजाबाद में टॉयलेट पार्लियामेंट का कॉन्सेप्ट यूनिक है। इससे स्वच्छता को लेकर सभी की सहभागिता बढ़ेगी। हम प्रयास करेंगे कि जिस तरह वाजिदपुर में संसद ने स्वच्छता से संबंधित छह प्रस्ताव पास किए हैं। ऐसे प्रस्ताव पूरे देश में पास हों। संसद में डीएम नेहा शर्मा, सीडीओ नेहा जैन, डीडीओ अरविदं चंद्र जैन, डीपीआरओ गिरीश चंद्र, जिला समाज कल्याण अधिकारी डॉ. प्रज्ञाशंकर और बीडीओ प्रभात मिश्र मौजूद रहे। संचालन मत्स्य अधिकारी श्रीकिशन शर्मा ने किया।
वाजिदपुर में शौचालय के गड्ढे से निकला काला-सोना
शहर से करीब तीन किलोमीटर बसी ग्राम पंचायत वाजिदपुर में सोमवार की सुबह खास थी। जितना आयोजन खास थे उतने ही मेहमान। खुले खेत में सजी संसद में पहले स्व'छता पर चर्चा हुई और फिर उपलब्धियां गिनाईं गई। इसके बाद डीएम ने प्रस्ताव रखे, जिन्हें स्थानीय सदस्यों के साथ मेहमानों ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।
विश्व शौचालय दिवस के आयोजन को लेकर सोमवार दिन निकलने से पहले अधिकारियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। अतिथि नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत और स्व'छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर दिल्ली से चलकर ठीक आठ बजे गांव पहुंच गए। डीएम नेहा शर्मा और सीडीओ नेहा जैन ने उनकी अगवानी की। महिलाओं ने पारंपरिक रूप से उनके माथे पर तिलक लगाया। दोनों अधिकारियों ने सबसे पहले प्रधान जशोदन ङ्क्षसह के घर के बाहर बने शौचालय का एक साल पहले भर चुके गड्ढे को खुलवाया। फिर खुद उसमें से काली खाद निकाली। विशेषज्ञों ने ग्रामीणों को समझाया कि ये जैविक खाद फसल की कई गुना उपज बढाएगा।
इसके बाद शौचालय संसद की कार्यवाही शुरू हुई। इसमें स्पीकर की भूमिका निभाते हुए डीएम ने चर्चा के लिए छह प्रस्ताव पढ़े। खुले में शौच जाने पर पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाने समेत सभी छह प्रस्ताव चर्चा के बाद पास हो गए। इससे महिलाओं और स्कूली ब'चों ने स्व'छ भारत मिशन को लेकर अपने अनुभव भी बताए। सचिव परमेश्वरन अय्यर ने सभी को शौचालय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 2014 में जब मिशन शुरू हुआ था तब देश में शौचालय की उपयोगिता का फीसद 39 था, जो अब 96 फीसद तक पहुंच गया है।
वहीं सीईओ ने कहा कि उन्हें गांव आकर काफी अ'छा लगा। शौचालय के गड्ढे से निकली खाद को ग्रामीण काला सोना मानें, शौचालय का उपयोग करेंगे तो खाद की कमी पूरी होती रहेगी। इससे जमीन हमेशा हरी भरी रहेगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश में शौचालय का नाम इज्जत घर रखे जाने की भी प्रशंसा की।
इसलिए वाजिदपुर आए अधिकारी
ग्राम पंचायत वाजिदपुर कुतुकपुर में नीति आयोग के सीईओ और स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर यूं ही नहीं आए। बल्कि इसकी पीछे बड़ी वजह थी। विश्व शौचालय दिवस के मौके पर भारत सरकार ने देश को बड़ा संदेश देने और शौचालय की उपयोगिता समझाने के निर्देश जारी किए थे। इसके लिए ऐसे गांव की तलाश थी जहां शौचालय चार पांच वर्ष पूर्व बने हों और उसका एक गड्ढा एक साल पहले भर गया हो। ऐसे गड्ढे वाजिदपुर में थे। सचिव ने भी मंच से यह बताया कि उन्होंने फीरोजाबाद में स्वच्छ भारत मिशन में अच्छा काम होने और शौचालय संसद चलने की बात सुनी थी, इसलिए विश्व शौचालय दिवस का जश्न यहां मनाने का फैसला लिया गया।
ये प्रस्ताव हुए पास
-खुले में शौच जाने पर 500 रुपये जुर्माना।
-यदि किसी के घर में शौचालय का एक गड्ढो है तो वे दूसरा गड्ढा भी बनवाएंगे।
-यदि सेप्टिक टैंक है तो उसे हटाकर सोख्ता गड्ढा बनवाएंगे।
-गीला और सूखा कूड़ा अलग अलग जगह डालेंगे।
-पॉलीथिन जहर है, उसका उपयोग नहीं करेंगे।
-शौचालय के गड्ढे से निकली जैविक खाद का उपयोग खेतों में करेंगे।
जब गड्ढे में धंसा सीईओ का पैर
प्रशासनिक अमले में उस समय खलबली मच गई जब शौचालय के गड्ढे से खाद निकालते समय सीईओ का पैर गड्ढे में धंस गया। अधिकारियों ने सहारा देकर उन्हें संभाला, लेकिन उनके जूते खराब हो गए। उन्हें धुलवाया गया।
ये अधिकारी भी रहे मौजूद
कार्यक्रम में एक्सइएन लोक निर्माण विभाग श्रीराज, जिला पूर्ति अधिकारी अमित कुमार, मिशन के जिला समन्वयक पुनीत निगम, पंचायत सचिव संघ के अध्यक्ष जितेंद्र ङ्क्षसह यादव, जिला कृषि अधिकारी रविकांत ङ्क्षसह मौजूद रहे। जादू देव का शो भी दिखाया गया।