दस दिन में कैसे बनेगा आगरा का वाटरवर्क्स फ्लाईओवर?
अगस्त 2016 तक फ्लाईओवर का काम पूरा होना था, लेकिन लेटलतीफी के चलते इसकी तारीख दिसंबर कर दी गई।
आगरा (जागरण संवाददाता)। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) का एक और झूठ जल्द सबके सामने आने जा रहा है। जिस तरीके से वाटरवर्क्स फ्लाईओवर पर काम चल रहा है उसके 10 दिन के भीतर बनने की उम्मीद कम ही है। ऐसे में इसकी डेट को एक बार फिर से आगे बढ़ाना पड़ेगा। फ्लाईओवर के निर्माण में देरी से लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे टू के चौड़ीकरण का कार्य वर्ष 2011 में शुरू हुआ। वर्ष 2012 से शहरी क्षेत्र के तीन फ्लाईओवर बनने शुरू हुए, जिसमें सबसे पहले वाटरवर्क्स चौराहा पर काम शुरू हुआ। फिर सुल्तानगंज की पुलिया और खंदारी। वाटरवर्क्स को छोड़ बाकी दो फ्लाईओवर बनकर तैयार हैं।
अगस्त 2016 तक फ्लाईओवर का काम पूरा होना था, लेकिन लेटलतीफी के चलते इसकी तारीख दिसंबर कर दी गई। दिसंबर के दूसरे सप्ताह में जीआइसी ग्राउंड में हुए कार्यक्रम में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 30 जून 2017 तक फ्लाईओवर के निर्माण की घोषणा की।
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री सांसद डॉ. राम शंकर कठेरिया ने भी इसी बात को दोहराया। इस बीच एनएचएआइ ने एक माह की मोहलत ले ली और राजमार्ग मंत्रलय में 30 जुलाई तक निर्माण कार्य पूरा करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन फ्लाईओवर का कार्य धीमी गति से चल रहा है।
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अभी तक 60 फीसद काम ही पूरा हुआ है। बाकी का कार्य महज दस दिनों के भीतर में पूरा करना है। अभी तक अप्रोच रोड बनकर तैयार नहीं है। रोड बनने के बाद उसकी फिनिशिंग में चार से पांच दिन लगेंगे।
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