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देश की पहली एमजी रोड का बदलेगा लुक

जागरण संवाददाता, आगरा : देश की पहली महात्मा गांधी (एमजी) रोड का लुक बदलने जा रहा है। इस रोड के दोनों

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jul 2017 01:37 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jul 2017 01:37 AM (IST)
देश की पहली एमजी रोड का बदलेगा लुक
देश की पहली एमजी रोड का बदलेगा लुक

जागरण संवाददाता, आगरा : देश की पहली महात्मा गांधी (एमजी) रोड का लुक बदलने जा रहा है। इस रोड के दोनों साइड छह-छह फीट के पाथ वे बनाए जाएंगे। पहले चरण में छह तिराहों/ चौराहों का सुंदरीकरण होगा।

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भगवान टाकीज चौराहा से प्रतापपुरा तिराहा तक एमजी रोड शामिल है। लोक निर्माण विभाग के रिकार्ड के अनुसार इसकी लंबाई 5.85 किमी है और चौड़ाई 60 से 75 फुट के करीब है। हर साल करीब पांच लाख या इससे अधिक रुपये मरम्मत पर खर्च होता है, लेकिन पैदल चलने वालों के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। दो साल पूर्व तत्कालीन मंडलायुक्त प्रदीप भटनागर के आदेश पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी) दिल्ली की टीम ने सर्वे किया था। वहां के प्रो. आनंद की रिपोर्ट के अनुसार एमजी रोड पर हर दिन दुर्घटनाओं की वजह पैदल चलने वालों के लिए रास्ता न होना है, अगर इनके लिए अलग से रास्ता बना दिया जाए तो इससे जाम की समस्या कम हो सकती है। इसी के चलते एडीए ने पाथवे का प्रस्ताव तैयार किया है। अधिकारियों ने इसका प्रजेंटेशन देखा और यह उन्हें पसंद आया। दो करोड़ रुपये की लागत से बन रहे पाथवे छह फीट चौड़े होंगे। एडीए अफसरों के अनुसार एमजी रोड पर पेड़ों को शिफ्ट नहीं किया जाएगा। जरूरत के हिसाब से पाथवे की चौड़ाई को कम किया जाएगा। इसके दोनों ओर कुछ दूरी पर लाइट भी लगाई जाएंगी। डिवाइडर के खाली स्थल पर शोभाकार पौधे लगाए जाएंगे।

नया बन रहा डिवाइडर

एमजी रोड पर नया डिवाइडर बन रहा है। इसका निर्माण टुकड़ों में किया जा रहा है, जिससे जाम की समस्या न हो। रेलिंग को ऊंचा किया जाएगा और जहां पर यह टूट चुकी है, वहां पर नई लगाई जाएगी।

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इन चौराहों का बदलेगा हुलिया

- साई का तकिया

- नालबंद

- दीवानी चौराहा

- धाकरान तिराहा

- सूरसदन

- सेंट जोंस

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ठंडी रोड से एमजी रोड तक का सफर

- आगरा में वर्ष 1803 में अंग्रेज आए थे। जीवनी मंडी सबसे अहम स्थल था।

- तत्कालीन कलक्टर की कोठी के लिए जमीन की तलाश शुरू हुई। रावली मंदिर की जमीन का कुछ हिस्सा कोठी के लिए आवंटित किया गया। फिर रोड बनाई गई।

- रोड पर नियमित अंतराल में पानी का छिड़काव किया जाता था और दोनों ओर गजब की हरियाली थी।

- दोनों साइड लालटेन लगी हुई थीं। इसी के चलते इसे ठंडी रोड के नाम से पुकारा जाता था।

- पादरी हैवर के पत्र पर मिलिट्री इंजीनिय¨रग सर्विस ने रोड का डामरीकरण किया था।

- वर्ष 1948 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद इसे एमजी रोड घोषित किया गया।

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होर्डिग्स लगने पर कार्रवाई

नगरायुक्त अरुण प्रकाश ने बताया कि एमजी रोड होर्डिग्स फ्री जोन में शामिल है, लेकिन इसके बाद भी होर्डिग्स लगी हुई हैं। इन्हें जल्द हटाया जाएगा। इसकी हर दिन मॅानीट¨रग की जाएगी।

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स्टॅापेज पर रुकेगी बस

एमजी रोड पर बसों की सेवा को भी दुरुस्त किया जाएगा। स्टापेज पर ही सिटी बसें रुकेंगी। इनकी लगातार मानीट¨रग की जाएगी।

बनेंगे नए पार्किंग स्थल

एमज रोड पर नए पार्किंग स्थल भी बनाए जाएंगे। पुराने स्थलों का ठेका उठेगा।

लगातार होगी चेकिंग

ट्रैफिक पुल लगातार एमजी रोड पर चेकिंग करेगी। गलत तरीके से खड़े वाहनों का चालान किया जाएगा।

नए साइन बोर्ड

एमजी रोड पर जरूरत के हिसाब से साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। इसका प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है।

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-एमजी रोड को नए लुक में किया जा रहा है, जिसमें सुंदरीकरण सहित अन्य प्रस्ताव शामिल हैं।

गौरव दयाल, डीएम


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