अस्थमा के मरीज बढ़े, पानी से फैल रहा संक्रमण
जागरण संवाददाता, आगरा: सांस लो तो अस्थमा का खतरा, दूषित पानी से हैपेटाइटिस की आशंका। पिछले पांच वर्ष
जागरण संवाददाता, आगरा: सांस लो तो अस्थमा का खतरा, दूषित पानी से हैपेटाइटिस की आशंका। पिछले पांच वर्षो में वायु प्रदूषण और दूषित पानी से संक्रमण फैल रहा है। सांस संबंधी बीमारी के मरीज 20 फीसद बढ़ गए हैं। शहर से लेकर देहात में हेपेटाइटिस और पेट संबंधी बीमारी फैल रही हैं।
सल्फर डाइ ऑक्साइड से फैल रहा अस्थमा
वायु प्रदूषण बढ़ने से सल्फर डाइ ऑक्साइड बढ़ रहा है। यह अस्थमा का बड़ा कारक है। एसएन के टीबी एंड चेस्ट रोग विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि पिछले पांच साल में 20 फीसद मरीज बढ़ गए हैं। पहले एसएन की ओपीडी में रोजाना दो से तीन अस्थमा मरीज आते थे, अब मरीजों की संख्या 20 से 25 तक है। इसी तरह निजी क्लीनिक में सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। चेस्ट फिजीशियन डॉ. संजीव लवानिया बताते हैं कि वायु प्रदूषण के कारण क्रोनिक ऑब्सट्रेक्टिव पल्मोनरी डिसऑर्डर (सीओपीडी) के मरीज बढ़ रहे हैं। इन मरीजों में सांस की नलिकाएं सिकुड़ने लगती हैं, प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर बीमारी उखड़ जाती है।
हेपेटाइटिस और पेट के बढ़ रहे संक्रमण
दूषित पानी से पेट संबंधी बीमारी बढ़ रही हैं। गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. पंकज कौशिक ने बताया कि हेपेटाइटिस ए के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। यह वायरस दूषित पानी से फैलता है। पिछले कुछ सालों में हेपेटाइटिस के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसमें भी बच्चे सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं।
ध्वनि प्रदूषण से कम हो रही सुनने की क्षमता
शहर में वाहनों की संख्या बढ़ने से ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ा है। एसएन के ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. धर्मेद्र सिंह ने बताया कि पहले 50 से 60 की उम्र के बाद सुनने की क्षमता प्रभावित होती थी। मगर, अब 40 साल की उम्र में सुनने में समस्या होने पर मरीज इलाज कराने के लिए आ रहे हैं।