नोटबंदी का साइड इफेक्ट, गरीब मरीजों के इलाज पर संकट
जागरण संवाददाता, आगरा: नोटबंदी के 'साइड इफेक्ट' इलाज पर दिखाई देने लगे हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज में गर
जागरण संवाददाता, आगरा: नोटबंदी के 'साइड इफेक्ट' इलाज पर दिखाई देने लगे हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज में गरीब मरीजों की आर्थिक मदद से समाजसेवी संस्थाओं ने हाथ खींच लिए हैं। इससे मरीजों को दवा और ऑपरेशन के खर्चे के लिए भटकना पड़ रहा है।
हेल्प आगरा, सत्यमेव जयते सहित कई संस्थाएं एसएन में भर्ती गरीब मरीजों की आर्थिक मदद कर रहीं थीं। मरीजों को मुफ्त दवाएं देने के साथ ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले 30 से एक लाख रुपये के इम्प्लांट के लिए 50 से 80 फीसद तक मदद दी जा रही थी, लेकिन नवंबर में हुई नोटबंदी के बाद से इन संस्थाओं में दान देने वाले कारोबारियों की संख्या कम होती गई, जो आर्थिक सहयोग दे रहे हैं, वह कम कर दिया है। इससे अब हेल्प आगरा द्वारा 15 से 20 मरीजों की 30 से 50 फीसद दवाएं मुफ्त दिलवाई जा रही हैं। इम्प्लांट में एक दो मरीज की 10 से 15 फीसद की मदद की जा रही है।
आधा दर्जन ऑपरेशन अटके
अस्थि रोग विभाग में कूल्हा प्रत्यारोपण और सर्जरी विभाग में हर्निया के आधा दर्जन ऑपरेशन अटक गए हैं। इसमें 30 हजार से 80 हजार रुपये तक का खर्चा आता है। मरीजों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, इसके चलते ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं।
जन्मदिन पर करें 11 हजार रुपये की दवा दान
फंड की कमी को देखते हुए हेल्प आगरा ने नया तरीका निकाला है। वे सदस्यों से अपील कर रहे हैं कि जन्मदिन और शादी की सालगिरह पर 11 हजार रुपये की दवा दान कर सकते हैं। इन दवाओं को उस दिन आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों में वितरित किया जाएगा।
बीच में छोड़ रहे इलाज, पीपीपी मेडिकल स्टोर से राहत
एसएन में सामान्य दवाएं ही मिलती हैं, महंगी दवाएं मरीजों को बाजार से खरीदनी पड़ रही हैं, जिन मरीजों के पास पैसे नहीं हैं, उन्हें बीच में ही इलाज छोड़ना पड़ रहा है। ऐसे में एसएन में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत खुलने वाले मेडिकल स्टोर से राहत मिल सकती है। इसके लिए अनुबंध हो चुका है, इन मेडिकल स्टोर से एक लाख रुपये की दवा मरीजों को निश्शुल्क दी जानी हैं।
एसएन में दी जाने वाली मदद
- हर रोज 20 से 25 मरीजों की दवाएं मुफ्त
- सप्ताह में तीन से चार मरीजों के ऑपरेशन का 50 से 80 फीसद खर्चा।
- उपकरण, वाटर कूलर, एसी के लिए आर्थिक मदद
- कैंसर विभाग में हेल्प आगरा द्वारा टेक्नीशियन
सामाजिक संस्थाओं ने प्रत्यारोपण के लिए 80 हजार रुपये तक की मदद की थी। पिछले कुछ महीनों से मदद कम कर दी है, इससे मरीजों को परेशानी होने लगी है।
डॉ. सीपी पाल, विभागाध्यक्ष अस्थि रोग विभाग
कई संस्थाएं एसएन में आर्थिक मदद कर रहीं थी, इसमें कमी हुई है। पीपीपी मेडिकल स्टोर जल्द शुरू हो जाएगा, इससे गरीब मरीजों को दवाएं मिल सकेंगी।
डॉ. अजय अग्रवाल, प्रमुख अधीक्षक
संस्था के 750 सदस्य हैं, ये सभी 250 रुपये प्रति साल देते हैं। इसके अलावा समय पर सदस्य आर्थिक मदद करते रहते हैं, इससे मरीजों की मदद की जा रही थी। नोटबंदी के बाद से इसमें कमी आई है, इसे बढ़ाने के लिए नए प्रयोग किए जा रहे हैं।
नंद किशोर गोयल, मीडिया प्रभारी हेल्प आगरा