अवकाश निरस्त करने पर मुस्लिमों ने जताया आक्रोश
जागरण संवाददाता, आगरा: मुस्लिम समाज ने नवी, रमजान और ख्वाजा से जुड़े अवकाशों को निरस्त किए जाने पर आक
जागरण संवाददाता, आगरा: मुस्लिम समाज ने नवी, रमजान और ख्वाजा से जुड़े अवकाशों को निरस्त किए जाने पर आक्रोश जताया है। जुमे की नमाज के बाद जामा मस्जिद में हुई बैठक में राज्य सरकार से छुट्टियों को बहाल करने की मांग करते हुए सौहार्द कायम करने को कहा।
शुक्रवार को जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद ईदुल मिलादुल नवी, ख्वाजा गरीब नवाज अजमेर और रमजान शरीफ से जुडे़ अवकाश खत्म करने पर मुस्लिमों ने राज्य सरकार के आदेश के खिलाफ आक्रोश जताया। इस्लामिया लोकल एजेंसी की बैठक में राज्य सरकार से तीनों अवकाशों को बहाल करने का प्रस्ताव रखा गया।
अध्यक्ष असलम कुरैशी ने कहा कि मुस्लिमों में नवी, ख्वाजा और रमजान शरीफ का खास महत्व है। राज्य सरकार को ऐसे अवकाशों को निरस्त करने के बजाय मुस्लिमों के इबादत स्थलों के अलावा मुहल्लों में बिजली और पानी की पर्याप्त व्यवस्था करानी चाहिए।
बैठक में हाजी जमील कुरैशी, शरीफ काले, चौधरी मन्नू, शकील कुरैशी, लियाकत, सेठ नईम, छोटे ठेकेदार, सेठ इलियास, अमजद कुरैशी, असलम कुरैशी, अदनान कुरैशी, हाजी विलाल कुरैशी आदि मौजूद रहे।
शब-ए-बरात 11 मई को
शहर मुफ्ती अब्दुल खुबैब रूमी ने शुक्रवार को चांद देखकर पहली तारीख की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि चांद देखने के बाद 11 मई को शब-ए-बरात का त्योहार मनाया जाएगा, जबकि 12 अप्रैल को रोजा रखा जाएगा।