मानवीय प्रहारों से रो रही मां यमुना
जागरण संवाददाता, आगरा: यमुना में समा रहे गंदे नाले मां के आंचल पर प्रहार कर रहे हैं। चित्रों के जरिय
जागरण संवाददाता, आगरा: यमुना में समा रहे गंदे नाले मां के आंचल पर प्रहार कर रहे हैं। चित्रों के जरिये मां की इस वेदना को उकेरा गया, जिसमें यमुना को रोते दिखाया गया। श्री गुरु वशिष्ठ मानव सर्वागीण विकास सेवा समिति ने यमुना मां के इस विकृत रूप को संवारने की मांग करते हुए गंदे नालों के प्रवाह पर आक्रोश जताया।
हाथीघाट पर आयोजित समिति की गोष्ठी में मा यमुना पर हो रहे प्रहारों की निंदा की गई। बालबोध मिश्र की अध्यक्षता में हुई गोष्ठी में शहर में गंदे नालों को रोकने के लिए प्रयास, पर्यावरण की शुद्धता, यमुना निर्मलीकरण और शुद्ध पेयजल पर मंथन हुआ। मा यमुना को जीवित प्राणी की संज्ञा देने पर न्यायाधीश को बधाई दी। यमुना पर विभिन्न प्रकार के प्रहारों के स्लोगन लिखी तख्तिया लिए यमुना प्रेमियों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रशासन की अक्षमता पर वेदना जताई। स्लोगन के एक दृश्य में यमुना मा को रोते हुए दर्शाया गया है।
समिति के अध्यक्ष अश्रि्वनी कुमार मिश्र ने कहा कि यमुना मरी नहीं हैं, उसे मारे जाने का प्रयास चल रहा है। वक्ताओं ने गंगा-यमुना सहित विभिन्न नदियों में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जाहिर की। पानी, पर्यावरण और नदियों की रक्षा-संरक्षा की शासकीय-प्रशासकीय जवाबदेही तय करने के लिए जन जागरुकता का आह्वान किया गया। कहा कि यमुना पर अनैतिक प्रहार पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो यमुना भक्त आंदोलन के लिए विवश होंगे, कार्यक्रम में डॉ. राधेश्याम द्विवेदी, धीरज मोहन सिंघल, राजीव खंडेलवाल, सुधीर पचौरी, दिलीप पाठक, राजेश शुक्ला, अनिल अग्रवाल, प्रदीप शुक्ला, जीवन साहू, राम भरत उपाध्याय, राजेश यादव, श्याम कांत पचौरी, अजय अवस्थी, रज्जो पंडित, शैलेंद्र शर्मा आदि थे।