'मेरे बाबुल का बीजना' ने दर्शकों को झकझोरा
जागरण संवाददाता, आगरा: ताज महोत्सव में सोमवार को सूरसदन में रंगलीला की भगत 'मेरे बाबुल का बीजना' की
जागरण संवाददाता, आगरा: ताज महोत्सव में सोमवार को सूरसदन में रंगलीला की भगत 'मेरे बाबुल का बीजना' की प्रस्तुति हुई। सामूहिक दुष्कर्म की शिकार लड़की की मार्मिक कहानी ने दर्शकों को झकझोर डाला। गीत, संगीत और नृत्य की मोहक प्रस्तुति में महिला उत्पीड़न का विरोध किया गया।
गुरु फूलसिंह यादव द्वारा रचित और अनिल शुक्ल द्वारा निर्देशित भगत को सेंट जोंस कॉलेज में 42 दिन की वर्कशॉप में तैयार किया गया था। इसका उद्घाटन एसिड अटैक सर्वाइवर्स रूपा, रुकैया, गीता और मधु ने किया। मुख्य अतिथि प्रदीप कुमार जैन रहे। भगत की कहानी सामूहिक दुष्कर्म की शिकार बेटी, उसकी मां के इर्द-गिर्द घूमती है। न्याय न मिलने पर बेटी अपनी मां के साथ समाज के खिलाफ गोलबंदी करती है। अपने साथ हुए अन्याय और उत्पीड़न का विरोध करती है। दर्शकों ने कलाकारों की प्रस्तुति को तालियां बजाकर जमकर सराहा। निर्देशक अनिल शुक्ल ने बताया कि रंगलीला ने भगत को पुनजीर्वित किया है। उसके मूल स्वरूप को संरक्षित रखते हुए कथ्य और शिल्प के स्तर पर दर्शकों के अनुरूप ढाला गया है। भगत से गायब हुई नृत्य की परंपरा को फिर शुरू किया गया है। वरिष्ठ कवि सोम ठाकुर, मिहीलाल यादव, अचल शर्मा, मनोज जैन, केशव तलेगांवकर मौजूद रहे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मधुरिमा शर्मा ने दिया।
इन्होंने किया अभिनय
भगत में मन्नू शर्मा ने बेटी और मेघा अग्रवाल ने मां की भूमिका निभाई। अन्य अभिनेताओं में योगेंद्र दुबे, पतोला राम, दीपक सागर, राकेश यादव, तुलसी, ललिता अग्रवाल, उमा अग्रवाल, कोमल गुप्ता, सोनम वर्मा, काजल गुप्ता, शाइना राजपूत, खुशी वर्मा, ऐबरन राजपूत, प्रथम यादव शामिल थे। संगीत मंडली में गोपाल शर्मा, यशपाल, लक्ष्मण सिंह यादव, मोतीलाल थे। मंच के पीछे रामभरत उपाध्याय, राजनारायण शर्मा, अशोक कुमार, शिवम वर्मा, आकाश यादव, करन यादव, रवि प्रजापति, मनीषा शुक्ला आदि थे।