वैक्सीनेशन के बाद भी रैबीज से कारोबारी की मौत
जागरण संवाददाता, आगरा: शहर में आवारा जानवरों के खिलाफ जागरण ने सजग किया। इसके बाद भी नगर निगम नहीं ज
जागरण संवाददाता, आगरा: शहर में आवारा जानवरों के खिलाफ जागरण ने सजग किया। इसके बाद भी नगर निगम नहीं जागा। आखिर आतंक से एक कारोबारी की बेशकीमती जिंदगी खत्म हो गई। तीन महीने पहले आवारा कुत्ते के काटने के बाद वैक्सीनेशन कराया लेकिन फिर भी पेठा कारोबारी मोहन खंडेलवाल रैबीज की चपेट में आ गए। एक सप्ताह पहले हालत बिगड़ने पर परिजन उन्हें दिल्ली ले गए, मगर डॉक्टर ने हाथ खड़े कर दिए। रविवार शाम उन्होंने दम तोड़ दिया।
श्रीराम पेठा स्टोर, रामबाग के संचालक महेश खंडेलवाल (50) नाई की मंडी में रहते थे। तीन महीने पहले कुत्ते ने उनके पैर में काट लिया था। उनके भाई भाजपा नेता राजकुमार खंडेलवाल ने बताया कि कुत्ता काटने पर निजी क्लीनिक पर एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाई थी। सात दिन पहले बुखार आ गया। जिस पैर में कुत्ते ने काटा, उसमें झनझनाहट होने लगी। इस पर शनिवार को प्रतापपुरा स्थित निजी अस्पताल में ले गए। यहां पानी पीने के लिए दिया तो डरने लगे। रेबीज के लक्षण प्रतीत होने पर परिजन उन्हें शाम को आरएमएल अस्पताल, दिल्ली और फिर इन्फेक्शियस डिजीज सेंटर, दिल्ली लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। आखिर देसी इलाज की जानकारी होने पर परिजन उन्हें आगरा ले आए। रविवार को मुरैना में देसी इलाज कराने ले गए, वहां से लौटते समय शाम को उनका निधन हो गया।
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अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों को दिए एंटी रैबीज
रेबीज से मौत के बाद डॉक्टरों ने एहतियातन महेश के परिजनों को एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने के लिए कहा। अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों ने भी एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाई।
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नहीं रहती मौत की आशंका
एंटी रैबीज इंजेक्शन लगने के बाद भी पेठा कारोबारी की मौत कैसे हो गई। इस सवाल पर एक्सपर्ट का कहना है कि वैक्सीन सही तरीके से न लग पाने की वजह से ही रैबीज से मौत हो सकती है। वैसे 95 फीसद मामलों में इंजेक्शन लगने के बाद रैबीज से मौत की आशंका नहीं रहती।
एक सप्ताह से तीन महीने तक असर
विशेषज्ञों के अनुसार, जिस कुत्ते को रैबीज हो जाती है, वह काटता है, तो उससे रैबीज वायरस का संक्रमण हो जाता है। इसका असर एक सप्ताह से लेकर तीन महीने के बीच दिखाई देता है। रैबीज के लक्षण प्रतीत होने के 24 से 36 घंटे में पीडि़त की मौत हो जाती है।
वायरस करता दिमाग पर असर, पानी से लगता डर
रैबीज वायरस दिमाग पर असर करता है। इसका संक्रमण होने पर व्यक्ति उग्र या सुस्त हो जाता है। प्रभावित व्यक्ति पानी से डर लगने लगता है। पानी में कुत्ता दिखाई देता है। रैबीज के यही लक्षण होते हैं।
आवारा कुत्तों का आतंक, वैक्सीन का नहीं इंतजाम
शहर में आवारा कुत्तों का आतंक है। इन कुत्तों को पकड़ने के बाद नसबंदी और एंटी रैबीज वैक्सीन लगाकर उसी क्षेत्र में छोड़ दिया जाता है। मगर, महीने में 60 से 70 कुत्तों को ही पकड़ा जाता है। एक बार वैक्सीन लगाने के बाद इन पर नजर नहीं रखी जाती है। इनके लिए वैक्सीन का भी इंतजाम नहीं हो पा रहा है।
हर महीने 6 हजार शिकार, वैक्सीन हो जाती है खत्म
जिला अस्पताल में हर महीने छह हजार से अधिक एंटी रैबीज वैक्सीन लग रही हैं। एक बार में वैक्सीन की तीन हजार वायल आती हैं। एक वायल में से चार मरीजों को वैक्सीन लगती है। यह दो महीने में खत्म हो जाती है। ऐसे में पूरा कोर्स भी नहीं हो पा रहा है। निजी क्लीनिक पर महंगे इंजेक्शन लगवाने से लोग बचते हैं।
रैबीज के शिकार कुत्तों की हो रहीं मौतें
रैबीज के शिकार कुत्ते दूसरे कुत्ते को काटते हैं तो वे भी रैबीज के शिकार हो रहे हैं। इनकी मौत हो रही है। ऐसे में एंटी रैबीज यूनिट बाईंपुर में कुत्तों को रैबीज के इंजेक्शन लगवाए जाते हैं।
कुत्ता काटने पर ये करें
- घाव को साफ पानी और साबुन से पांच मिनट तक धोएं।
- एआरवी की पहली डोज जल्द से जल्द लगवा लें
- तीसरे दिन एआरवी की दूसरी डोज
-सातवें दिन एआरवी की तीसरी डोज
- 28वें दिन एआरवी चौथी डोज लगाई जाती है।
- घाव ज्यादा होने पर तुरंत इम्युनोग्लोबिन लगवा लें।
- कुत्ते पर नजर रखें, यह मर जाता है तो इलाज में लापरवाही बिलकुल न करें।
रैबीज संक्रमित कुत्ते के लक्षण
- लार टपकती रहती है
- काटने को दौड़ता है
- कुछ कुत्ते सुस्त हो जाते हैं
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-वैक्सीन की कमी रहती है। मरीज ज्यादा है, जिन्हें पहले वैक्सीन लग चुकी हैं। वे दोबारा वैक्सीन लगवाने आ जाते हैं।
-डॉ. मदन लाल, प्रभारी एआरवी एंटी रैबीज वैक्सीन प्रभारी, जिला अस्पताल
-जिन कुत्तों को रैबीज हो जाती है, उन्हें वैक्सीन लगाई जाती है। वहीं, हर महीने 20 से 25 आवारा कुत्तों को वैक्सीन लगाई जा रही है।
-डॉ. प्रभा कटियार, प्रभारी एंटी रैबीज यूनिट
- नगर निगम द्वारा आवारा कुत्तों के लिए कोई सर्वे नहीं किया गया है। हर महीने 60 से 70 कुत्तों की नसबंदी और वैक्सीन लगवाई जा रही है।
- डॉ. योगेश शर्मा, पशु चिकित्सा अधिकारी