ब्रजेश ने 55 दिन लड़ी जिंदगी से जंग
जेएनएन: एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम के जिमनास्ट ब्रजेश ने 55 दिन तक जिंदगी से जंग लड़ी। गुरुग्राम के ए
जेएनएन: एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम के जिमनास्ट ब्रजेश ने 55 दिन तक जिंदगी से जंग लड़ी। गुरुग्राम के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझने का उनका संघर्ष शनिवार दोपहर थम गया। उनके पिता ने उन्हें ओलंपियन बनाने का जो ख्वाब देखा था वह टूट गया। रविवार को उनका अंतिम संस्कार गोरखपुर में कर दिया गया।
ब्रजेश गोरखपुर के होनहार जिमनास्ट माने जाते थे। जलकल विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी चंद्रभान यादव ने तंगहाली में उन्हें किसी चीज की कमी नहीं होने दी। वह उन्हें देश का बेहतर जिमनास्ट बनाना चाहते थे। 17 वर्षीय ब्रजेश उनके दो बेटों में छोटे थे। 10वीं तक की पढ़ाई उन्होंने वीर बहादुर सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में की थी। एक वर्ष पूर्व आगरा स्पोर्ट्स कॉलेज में जिमनास्टिक के प्रशिक्षण के लिए उनका चयन हुआ था। इसके बाद परिवार के साथ शुभचिंतकों की उम्मीदें और बढ़ गईं थीं। 10 अक्टूबर को उनके साथ हुई दुर्घटना ने सबके सपने तोड़ दिए। एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम में जिमनास्टिक की फ्लोर एक्सरसाइज की प्रेक्टिस करते समय ब्रजेश घायल हो गए थे। फर्श पर गिरने की वजह से उनकी गर्दन की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था। जिससे उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत थी। दो दिन आगरा के निजी अस्पताल में भर्ती रहे ब्रजेश को 12 अक्टूबर को गुरुग्राम के पारस अस्पताल ले जाया गया था। जहां उनका ऑपरेशन किया गया था। मगर सांस लेने में दिक्कत होने की वजह से उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था। उनके उपचार को आगरा समेत देश भर के लोगों ने मदद की थी।
अभिनेता अक्षय कुमार ने फेसबुक पर वीडियो पोस्ट कर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की थी। बाद में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर डीएम गौरव दयाल को उचित उपचार कराने के निर्देश दिए थे। मगर, शहरवासियों की दुआओं और अथक प्रयासों के बाद भी ब्रजेश को बचाया नहीं जा सका। शनिवार दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली। रविवार सुबह उनका शव पिता चंद्रभान के गोरखपुर की जलकल कॉलोनी स्थित आवास पहुंचा। खेलप्रेमियों में इससे शोक की लहर है। रविवार दोपहर उनका अंतिम संस्कार राप्ती के राजघाट पर कर दिया गया।
फर्श पर गिरने से हुआ था हादसा
फ्लोर एक्सरसाइज के दौरान ब्रजेश का पैर गद्दे की जगह फर्श पर पड़ गया था। इसकी वजह से उनकी गर्दन की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था, जिससे सांस लेने में उन्हें तकलीफ थी। हालांकि, आगरा स्टेडियम में इस तरह का हादसा पहले कभी नहीं हुआ था।