ओलावृष्टि के मुआवजा में खेल
जागरण संवाददाता, आगरा : ओलावृष्टि के मुआवजा में खेल हुआ है। आगरा, मैनपुरी सहित प्रदेश के पांच जिलों
जागरण संवाददाता, आगरा : ओलावृष्टि के मुआवजा में खेल हुआ है। आगरा, मैनपुरी सहित प्रदेश के पांच जिलों में ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों से कहीं अधिक कृषि निवेश अनुदान का वितरण हुआ है, लेकिन इसके बाद भी जिला प्रशासन ने करोड़ों रुपये की मांग की है। जिस पर शासन ने इसे औचित्यहीन बताया है। सवालिया निशान भी लगाए हैं।
जिले में पिछले दो वित्तीय साल से सूखा पड़ रहा है। सितंबर वर्ष 2015 में ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी थी। ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हो गई और कई पशुओं की भी मौत हो गई थी। तत्कालीन डीएम पंकज कुमार के आदेश पर छह तहसीलों में सर्वे का कार्य हुआ। जिले में 1.48 लाख लोगों की कमर ओलावृष्टि से टूट गई थी। जिस पर शासन ने जिले में 80 करोड़ रुपये आवंटित किए। कृषि निवेश अनुदान के तहत दो लाख किसानों को इसका वितरण किया गया। इस बीच शासन ने तत्कालीन डीएम से ऐसे किसानों की सूची मांगी, जिन्हें केंद्र या फिर राज्य सरकार द्वारा कोई सहायता नहीं मिली थी। ऐसे किसानों की संख्या कितनी है और कितने करोड़ रुपये के बजट की जरूरत है। इसका विवरण मांगा गया था। जिस पर प्रशासन ने 117 करोड़ रुपये की मांग शासन को भेजी। शासन के अधिकारियों ने जांच की तो पाया कि 1.48 लाख पीड़ित किसान थे। इसके मुकाबले दो लाख किसानों को कृषि निवेश अनुदान का वितरण किया गया था। विशेष सचिव, राजस्व जयप्रकाश सागर ने प्रशासन द्वारा भेजी गई डिमांड पर सवालिया निशान लगाया है। इसे औचित्यहीन बताया है। एडीएम वित्त एवं राजस्व राकेश कुमार मालपाणी ने बताया कि नया प्रस्ताव शासन को भिजवाया जा रहा है।