आतंकी कैंप की पहचान को हुआ अवाक्स का प्रयोग
जागरण संवाददाता, आगरा: एयरबोर्न अरली वार्निग एंड कंट्रोल सिस्टम (अवाक्स) ने एक बार फिर अपनी उपयोगिता
जागरण संवाददाता, आगरा: एयरबोर्न अरली वार्निग एंड कंट्रोल सिस्टम (अवाक्स) ने एक बार फिर अपनी उपयोगिता साबित कर दी। बुधवार रात पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के लिए अवाक्स का भी उपयोग किया गया। पीओके स्थित आतंकी कैंप इसकी नजर से नहीं बच गए। ट्रेस किए गए कैंपों को चार घंटे में नेस्तनाबूद कर दिया गया।
वायुसेना की मध्य कमान, इलाहाबाद में कई अवाक्स हैं, जो आइएल-76 (गजराज विमान) में लगे हुए हैं। यह ऐसा सिस्टम है, जिससे आसमान से हर जमीनी हरकत पर निगाह रखी जाती है। साथ ही उनकी सटीक रिकॉर्डिंग होती है। उड़ी पर आतंकी हमले के बाद इंडियन एयरफोर्स ने गजराज की उड़ान को थोड़ा तेज कर दिया था। आगरा से भी कई विमानों ने उड़ान भरी थी और अवाक्स से सटीक डाटा हासिल किया। इस बात के पुख्ता सुबूत जुटाए जा रहे थे कि पीओके में आतंकी कैंप हैं। यह कैंप लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) से पाकिस्तान की सीमा के भीतर हैं। एक कैंप से दूसरी कैंप की दूरी, वहां पर पहुंचने का रास्ता और मौसम में आने वाले बदलाव को भी अच्छी तरीके से परखा गया। अवाक्स सहित अन्य उपकरणों से जो भी डाटा मिला, उसी के आधार पर खाका तैयार किया जाने लगा। जो भी जानकारियां मिल रही थीं, उनकी कड़ियों को लगातार जोड़ने का कार्य चलता रहा। इसके बाद स्पेशल कमांडोज को आतंकी कैंपों पर हमला करने और फिर बच निकलने के तरीके बताए गए। बुधवार रात चार घंटे तक चले ऑपरेशन में स्पेशल कमांडोज ने कई कैंपों को नष्ट कर दिया।
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