मर्यादा पुरुषोत्तम के काज में मर्यादा तार-तार
जागरण संवाददाता, आगरा: बल्केश्वर में सजी जनकपुरी बुधवार को सपा के रंग में पूरी तरह रंगी नजर आई। मर्य
जागरण संवाददाता, आगरा: बल्केश्वर में सजी जनकपुरी बुधवार को सपा के रंग में पूरी तरह रंगी नजर आई। मर्यादा पुरुषोत्तम के काज में मर्यादाएं तार-तार हो गई। महल पर सपाइयों के जम जाने पर स्वरूप बहुत नाराज हो उठे स्थिति यहां तक आ गई कि वह चलने के लिए उठकर खड़े हो गए। इतना ही नहीं, सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव को स्वरूपों के बराबर में बैठा दिया गया। उद्घोषक ने उनके नाम के नारे लगवाए। जाते-जाते शिवपाल मंच से वोट मांगकर रही-सही कसर पूरी कर गए।
राजनीतिक प्रभाव से दूर रहने वाली जनकपुरी इस बार शुरू से ही सपा के विशेष प्रभाव में रही। आखिर मंगलवार शाम सत्तारूढ़ पार्टी के रंग और गहराने लगे। ऐसे में अनदेखी पर महोत्सव समिति अध्यक्ष डॉ. सुदर्शन सिंघल रूठकर चले गए थे। बुधवार को तो मर्यादा की सारी सीमाएं लांघ दी गईं। शुरुआत शिवपाल यादव के बल्केश्वर पार्क में पहुंचने के साथ हुई। अब तक संचालन कर रहे रमन अग्रवाल से संचालन शशांक प्रभाकर ने ले लिया। उन्होंने शिवपाल यादव के नारे लगवाए, मगर जनता का इशारा बहुत कुछ कह रहा था। प्रभु के काज में पलटकर जिंदाबाद कहने की जगह लोग चुप रहे। इस बीच शिवपाल के साथ जबरन सपाइयों ने मंच पर चढ़ने को धक्का-मुक्की की। पुलिस और बाउंसर ने उन्हें रोका। इसके बाद मंच पर ही मंत्री शिवपाल यादव का माला पहनाकर सम्मान किया गया। उन्हें स्वरूपों के बराबर में बैठा दिया। स्वरूपों के आगे सपाई इस कदर जमे कि धर्म के काज पर राजनीति का रंग चढ़ने लगा। संचालन कर रहे शशांक प्रभाकर ने एक और गलती की। सपाइयों को मंच से उतरने के लिए धर्म के काज को पार्टी का काज बता डाला।
इसके बाद जो हुआ, वह जनकपुरी में आज तक नहीं हुआ। प्रभु राम समेत अन्य स्वरूप उठकर खड़े हो गए। उन्होंने पदाधिकारियों से नाराजगी जताई, तो अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में सपाइयों को उनके सामने से हटाया गया। किसी तरह उन्हें मनाकर दोबारा बैठाया। अंत में शिवपाल यादव जाते-जाते प्रभु के मंच से वोट की अपील कर गए। श्रद्धालुओं में इसे लेकर काफी आक्रोश रहा।
राम से पहनवा दी शिवपाल को माला
मंच पर स्थिति यहां तक कर दी गई कि राम के हाथ से शिवपाल यादव को माला पहनवा दी गई। यही नहीं राम के स्वरूप को उन्होंने भी आशीर्वाद दे दिया।
मंच पर बुलाने पड़े बाउंसर
शिवपाल यादव के पहुंचने पर कई सपाई जबरन मंच पर चढ़ गए। सपा शहर अध्यक्ष रईसुद्दीन, मेयर इंद्रजीत आर्य, राजपाल यादव जब स्वरूपों के आगे बैठ गए, तो लोगों को दर्शन में दिक्कत आई। मंच पर उनसे हटने का अनुरोध किया गया। बाद में महोत्सव समिति की कार्यकारी अध्यक्ष कुंदनिका शर्मा ने उन्हें वहां से हटवाया।
एक दिन पहले ही करा दिया सम्मान
जनकपुरी में सहयोगियों के सम्मान का कार्यक्रम गुरुवार को निर्धारित है, मगर शहर के कुछ चिकित्सकों, महिला शांति सेना, टीम इंडिया राइजिंग का सम्मान एक दिन पूर्व ही शिवपाल यादव के हाथों करा दिया गया। सूत्र बताते हैं कि इसके लिए एक पदाधिकारी के रिश्तेदार ने सुबह ही आधे सम्मान कराने के निर्देश दिए थे।
रामलीला कमेटी नाराज
जनकपुरी के मुख्य मंच को सपामय कर देने से श्री रामलीला कमेटी बहुत नाराज है। रामलीला कमेटी ने की ओर से साफ कहा गया कि जो हुआ है वह अच्छा नहीं हुआ।
फिर क्यों नहीं परखा था श्री रामलीला कमेटी ने
खंदारी में कुछ साल पहले आयोजित जनकपुरी आयोजन को लेकर बसपा नेता शौकी कपूर और श्री रामलीला कमेटी में खुलकर विवाद हो गया था। इसके पीछे भी राजनीतिक निहितार्थ थे। उस वक्त श्री रामलीला कमेटी ने फैसला लिया था कि भविष्य में सब ठोक-बजाकर जनकपुरी का आयोजन सौंपा जाएगा। इस बार जब चुनावी वर्ष था और बल्केश्वर की स्थिति सबको मालूम थी, तब फिर क्यों बल्केश्वर को आयोजन सौंपा।
जनक महल को सपा का मंच बना दिया गया। पहले कभी किसी अतिथि को स्वरूपों के बराबर में नहीं बैठाया गया। मंच से वोट मांग रहे हैं। सब गलत है।
रामप्रकाश अग्रवाल
मंत्री, श्रीरामलीला कमेटी
जनकपुरी राजनीति का मंच नहीं है। हमने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, भाजपा के विधायकों और बसपा के शौकी कपूर को आरती में बुलाया था। किसी उत्साही कार्यकर्ता ने नारा लगा दिया होगा। अगर किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं तो हम उसके लिए क्षमा मांगते हैं।
डॉ. कुंदनिका शर्मा
कार्यकारी अध्यक्ष, जनकपुरी महोत्सव समिति
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