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भोले के भक्तों को कांटा लगेगा, कंकड़ भी चुभेगा

जागरण संवाददाता, आगरा: पूरे शहर की सड़कें उधड़ी पड़ी है। कहीं गहरे गड्ढे हैं, तो कहीं गड्ढों में सड़क।

By Edited By: Published: Fri, 29 Jul 2016 01:06 AM (IST)Updated: Fri, 29 Jul 2016 01:06 AM (IST)
भोले के भक्तों को कांटा लगेगा, कंकड़ भी चुभेगा

जागरण संवाददाता, आगरा: पूरे शहर की सड़कें उधड़ी पड़ी है। कहीं गहरे गड्ढे हैं, तो कहीं गड्ढों में सड़क। शाहगंज क्षेत्र में तो मीटरों तक सड़क का नाम नहीं है। वहीं जगह-जगह जलभराव, कीचड़ और गंदगी के ढेर के बीच से होकर 31 जुलाई की रात को निकलने वाले परिक्रमार्थियों को गुजरना होगा। सड़कों पर रोडे़, पत्थरों से श्रद्धालुओं के पैर छलनी होंगे।

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सावन के दूसरे सोमवार को नगर परिक्रमा होती है। रविवार रात से परिक्रमार्थी निकलते हैं और चारों महादेव राज राजेश्वर, बल्केश्वर, कैलाश और पृथ्वीनाथ मंदिर पर जल अर्पण कर परिक्रमा करते हैं।

राजेश्वर महादेव के मंदिर के निकट ही सड़क पर गहरे गड्ढे और जलभराव है। मंदिर से कुछ दूरी पर गहरे गड्ढों और जलभराव के कारण शंकर गढ़ की पुलिया की ओर जाने वाले लोग, आने वाले रास्ते पर ही चलना पसंद करते हैं। मंदिर की ओर से आने वाले रास्ते पर सड़क पर कूड़ा बिखरा है और सड़क उखड़ गई है। पथरीले रास्ते पर चलने के बाद ही श्रद्धालुओं को राजेश्वर महादेव के दर्शन मिलेंगे। कैलाश मंदिर के लिए बढ़ने वाले श्रद्धालुओं को शंकरगढ़ पुलिया पर बने गड्ढों से गुजरना होगा। वहीं बोदला चौराहे से सिकंदरा होते हुए कैलाश महादेव के लिए जाने वाला रास्ता भी पूरा टूटा पड़ा है। जलभराव के कारण मीटरों तक सड़क उखड़ गई है और सड़क पर कंकड़ बजरी बिखरी हुई है।

इसके आगे आरओबी के रास्ते सिकंदरा चौराहे पर उतरते ही गड्ढों और रोड़ों का सामना करना पड़ेगा। हाईवे के कारण गहरे गड्ढों और जलभराव को पार करते हुए भक्त कैलाश महादेव के हाईवे से सटे हुए द्वार से मुड़ेगें, तब भी उनकी मुश्किलें कम नहीं होंगी। सड़क से मंदिर तक पहुंचने वाले रास्ते में स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी हैं। वहीं सड़क के किनारे कट जाने से कई स्थानों पर गहरे गड्ढे और पतली सड़क हो गई है। गहरे गड्ढों से होकर परिक्रमार्थी बल्केश्वर महादेव के लिए रवाना होंगे, तो टूटी सड़क, गंदगी से होकर गुजरेंगे।

वाटरव‌र्क्स चौराहे के निकट टूटी सड़क, गड्ढों से होकर भक्त बल्केश्वर महादेव के लिए बढ़ेंगे। वहीं चांदनी चौक चौराहे की ओर से आने वाली को भी उखड़ी हुई सड़क मिलेगी। बल्केश्वर महादेव मंदिर के निकट ही नुकीले पत्थर भक्तों की आस्था को छलनी कर देंगे। क्षेत्र में फैली गंदगी से जूझते हुए लोग राजेश्वर महादेव मंदिर के लिए रवाना होंगे। राजेश्वर महादेव की ओर नालों में सिल्ट जमा होने से सड़कें गंदे पानी से जलमग्न हो जाती हैं। वहीं मंदिर के पास ही गहरा नाला हादसों को दावत दे रहा है। मंदिर के आस-पास की लाइट खराब पड़ी हैं।

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बोदला चौराहे पर हादसों का मेनहोल

बोदला चौराहे के मोड़ पर ही एक मेनहोल बना हुआ है। बिचपुरी की ओर से आने वाला रास्ता, जो सिकंदरा चौराहे के मुड़ता है, के मोड़ पर ही मेनहोल काफी चौड़ा हो गया है। देखने से लगता है कि इसे सफाई के लिए चौड़ा किया गया है, लेकिन लंबे समय से ये ऐसा ही पड़ा है। रात के अंधेरे में परिक्रमार्थी या कोई भी दोपहिया वाहन इसमें आसानी से समा जाएगा। गत दिनों इसमें हादसे हो भी चुके हैं।

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परिक्रमा के दौरान हर वर्ष हादसों का होना आम बात हो गई है। प्रशासन ने इस ओर से अपना पूरा ध्यान हटा लिया है। अंतिम समय में खाना पूरी की जाती है।

योगेश जादौन

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प्रशासनिक अधिकारियों को परिक्रमा करने वालों के दर्द को समझना चाहिए। हमारी आस्था के कारण हमें दर्द नहीं होता है, लेकिन सड़कें नंगे पैर छोडि़ए वाहनों में चलने लायक भी नहीं है।

रवि शर्मा


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