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आरटीआइ एक्ट से जितना बचेंगे, उतना फंसेंगे

जागरण संवाददाता, आगरा : राज्य सूचना आयुक्त गजेंद्र यादव का कहना है कि जो अधिकारी यह सोचते हैं कि अर्

By Edited By: Published: Wed, 29 Jun 2016 01:48 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2016 01:48 AM (IST)

जागरण संवाददाता, आगरा : राज्य सूचना आयुक्त गजेंद्र यादव का कहना है कि जो अधिकारी यह सोचते हैं कि अर्थदंड लगने के बाद सूचना नहीं देनी पड़ेगी। वह उनकी भूल है। आवेदक को सूचना अर्थदंड के बाद भी देनी पड़ेगी। इसलिए आरटीआइ एक्ट से जितना बचने का प्रयास करेंगे, उतना ही फंसेंगे।

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कमिश्नरी सभागार में मंगलवार को फीरोजाबाद के जन सूचना अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया। राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि एक बार में ही साक्ष्य सहित सटीक सूचना देने का प्रयास करना चाहिए। किसी को भ्रमित करने या टहलाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। अगर निर्धारित अवधि के बाद सूचना उपलब्ध कराई जाती है तो फोटोकॉपी की धनराशि नहीं ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि यदि कोई खतौनी की प्रति मांगता है तो उसे लिखित में बताया जाए कि इसकी प्रति संबंधित तहसील से 15 रुपये अदा कर ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि जनसूचना अधिकारी कार्यालयों में सूचना का अधिकार अधिनियम का विवरण जरूर अंकित करें। आरटीआइ कार्यशाला का समापन गुरुवार को होगा। इस दौरान अपर आयुक्त पीके अग्रवाल, एडीएम फीरोजाबाद उदय सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

544 अपील हैं लंबित

राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि फीरोजाबाद के 76 विभागों में 544 अपील द्वितीय अपील के रूप में पंजीकृत हैं।


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