Move to Jagran APP

वनाग्नि में जिंदा जल गए सैकड़ों जीव-जंतु

जागरण संवाददाता, आगरा: संरक्षित वन क्षेत्र कीठम में भड़की आग की लपटों ने सैकड़ों जीव-जंतुओं को जिंदा ज

By Edited By: Published: Sun, 01 May 2016 01:20 AM (IST)Updated: Sun, 01 May 2016 01:20 AM (IST)
वनाग्नि में जिंदा जल गए सैकड़ों जीव-जंतु

जागरण संवाददाता, आगरा: संरक्षित वन क्षेत्र कीठम में भड़की आग की लपटों ने सैकड़ों जीव-जंतुओं को जिंदा जला डाला। लगभग 12 घंटे तक जलती रही आग को काबू करने में वन विभाग और दमकल टीम नाकाम रही। वन्य जीव जंतुओं और हजारों पेड़ों को जलाने के बाद आग खुद ब खुद ठंडी पड़ गई। सुबह डेढ़ किलोमीटर के दायरे में जले हुए जीव जंतुओं के अवशेष पड़े थे।

loksabha election banner

सूर सरोवर पक्षी विहार, कीठम के जंगल के रेड जोन (जीव-जंतुओं की बहुलता वाले क्षेत्र) में शुक्रवार रात लगभग नौ बजे आग लगी थी। हवाओं के साथ आग तेजी से फैलती गई और जंगल को चपेट में ले लिया। इससे यहां रहने वाले वन्य जीवों जान बचाने के लिए भागे। दक्षिण दिशा से शुरू हुई आग हवा से उत्तर दिशा में तेजी से फैली, जिसके चलते जीव-जंतु जान नहीं बचा सके, क्योंकि उत्तर की ओर झील थी। रात में आग को बुझाने के लिए एक दमकल पहुंची थी, लेकिन कुछ मिनटों में 400 लीटर पानी खत्म हो गया। इसके बाद वन विभाग व फायर ब्रिगेड द्वारा आग को बुझाने का प्रयास नहीं किया गया। इसी के चलते जंगल में आग तेजी से बढ़ती रही और डेढ़ किमी के दायरे में मौत ने तांडव किया। आग से सैकड़ों जीव-जंतुओं के अंडे-बच्चे, आशियाने जलकर स्वाहा हो गए।

शनिवार सुबह तक ठंडी पड़ी आग में अजगर, सीही, नील गाय, खरगोश, मोर, चीटीखोर, जंगली बिल्ली और कई कोबरा जल गए। ये जंगल में मृत पड़े मिले।

खाली जगह ने बचाई जान

जंगल के जिस हिस्से में आग लगी थी, उससे 500 मीटर की दूरी पर झील है। झील और जंगल के बीच खाली जमीन पड़ी हुई है। यह जमीन पशु-पक्षियों के लिए जीवनदान बन गई। आग लगने के बाद बड़ी संख्या में जानवर यहीं पहुंच गए।

और पेड़ों से टपक रहा था शहद

आग से पेड़ों के जलने से उस पर लगे मधुमक्खियों के छत्ते भी जलकर खाक हो गए। पेड़ों से शहद शनिवार को टपकता रहा।

सुबह साढ़े नौ बजे पहुंचे वन कर्मी

आग लगने की जानकारी पुलिस-प्रशासन, वन विभाग के अफसरों को थी, लेकिन शनिवार सुबह साढ़े नौ बजे तक कोई नहीं पहुंचा। प्रधान जितेंद्र पाल सिंह सहित अन्य ग्रामीण अपने तरीके से बचाव का कार्य करते रहे। वहीं, साढ़े नौ बजे के बाद एक बाइक पर तीन वन कर्मचारी पहुंचे। दोपहर बाद एसडीएम किरावली अजीत कुमार, तहसीलदार बृजेंद्र कुमार व वन विभाग के अफसर पहुंचे।

50 हजार का हुआ नुकसान

कीठम के जंगल में सबसे अधिक विलायती बबूल हैं। तहसीलदार किरावली बृजेंद्र कुमार ने बताया कि राजस्व टीम ने नुकसान का आकलन किया है, करीब 50 हजार रुपये का नुकसान हुआ है। विलायती बबूल के नुकसान को शामिल नहीं किया गया है। बबूल के पेड़ों में आग सुबह तक सुलग रही थी।

काश, वन विभाग लेता सबक

कीठम के जंगल में शुक्रवार रात जिस जगह आग लगी, उससे ठीक दस मीटर की दूरी पर सप्ताह भर पहले भी आग लगी थी। यह आग कैसे लगी, इसकी कोई भी जानकारी वन विभाग को नहीं है। करीब 500 मीटर के दायरे में लगी आग से सब कुछ जलकर खाक हो गया था। इस मामले को वन विभाग ने पूरी तरह से दबा दिया था।

सिर्फ अजगर का हुआ पोस्टमार्टम

वन विभाग की टीम के देर से पहुंचने के कारण जंगल में सिर्फ मृत अजगर ही मिला। टीम ने भालू संरक्षण गृह में अजगर का पोस्टमार्टम कराया।

शॉर्ट सर्किट से लगी आग

डीएफओ अनिल पटेल ने बताया कि सींगना गांव के समीप से होकर हाईटेंशन लाइन गई है। शॉर्ट सर्किट होने से जंगल में आग लगी है।

------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.