साहित्य की साधना है ¨हदी
आगरा: काशी नागरी प्रचारिणी सभा का स्थापना दिवस वसंत पंचमी के अवसर पर बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
आगरा: काशी नागरी प्रचारिणी सभा का स्थापना दिवस वसंत पंचमी के अवसर पर बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। काशी नागरी प्रचारिणी सभा की स्थापना 1911 में अध्यापक रामरतन ने मन:कामेश्वर मंदिर के सामने चन्नोमल की बारादरी में की थी। बाद में मदनमोहन मालवीय जी के आह्वान पर आगरा कॉलेज के सामने की गई। यह जगह अजय राम नागर ने सभा को दान में दी थी। स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार सरोजिनी प्रीतम को प्रो. रमेश कुमार शर्मा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा जो अनुभूति उन्हें सम्मान के बाद हो रही है वह पहले कभी नहीं हुई। इस अवसर पर नवीनीकरण एवं प्रसार विभाग अध्यक्ष प्रो. रामवीर सिंह व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. नरेंद्र परिहार को भी सम्मानित किया गया। प्रो. रामवीर सिंह ने कहा कि हिंदी साहित्य की साधना है जिसका साहित्यकार अपने जीवन में समन्वय करता है। इस अवसर पर अध्यक्ष डॉ. रामअवतार शर्मा ने सभा के विकास के लिए 21 हजार रुपये प्रदान किए। कार्यक्रम में डॉ. शशि तिवारी, डॉ. गिरीश चंद्र शर्मा, डॉ. चंद्रशेखर शर्मा, अशोक कुमार, डॉ. श्रीभगवान शर्मा, डॉ. विनोद कुमार माहेश्वरी, रमेश पंडित, डॉ. सुषमा सिंह आदि लोग मौजूद रहे।