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स्मार्ट सिटी के साथ चलेगा जेएनएनयूआरएम का सबक

जागरण संवाददाता, आगरा: स्मार्ट सिटी परियोजना में सुधार की उम्मीदों के साथ-साथ जवाहरलाल नेहरू नेशनल अ

By Edited By: Published: Mon, 30 Nov 2015 01:22 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2015 01:22 AM (IST)
स्मार्ट सिटी के साथ चलेगा जेएनएनयूआरएम का सबक

जागरण संवाददाता, आगरा: स्मार्ट सिटी परियोजना में सुधार की उम्मीदों के साथ-साथ जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्युअल मिशन की काली छांव भी चल रही है। पिछली परियोजना में सीवर, कूड़ा निस्तारण और शहरी परिवहन के जो बिंदु शामिल थे, वही नई परियोजना में शामिल हैं। हाल देख विशेषज्ञ भी सफलता को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं।

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शहरों की मूलभूत सुविधाओं के सुधार के लिए केंद्र सरकार ने देश के 58 शहरों पर जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्युअल मिशन (जेनर्म) के तहत करोड़ों रुपये की धनवर्षा की थी। उसके तहत आगरा में भी शहरी परिवहन सुधार को सिटी बस चलाई गई, लेकिन जाम से राहत अब तक नहीं मिली। समस्या गहराती गई। सीवर लाइन डाली। वह बहुत कम क्षेत्र में है, लेकिन सुचारू रूप से अभी तक चालू नहीं हो सकी। इसी तरह कूड़ा निस्तारण पर करोड़ों रुपया खर्च हुआ, लेकिन शहर में गंदगी की समस्या जस की तस है। अब मोदी सरकार ने स्मार्ट सिटी की परिकल्पना तैयार की तो इसमें भी इन्हीं मूलभूत सुविधाओं को रखा। सरकार के दिए बिंदुओं में सीवर, पेयजल, कूड़ा निस्तारण और शहरी परिवहन भी है। आगरावासियों ने पहली प्राथमिकता शहरी परिवहन व्यवस्था में सुधार को दी है।

अब स्मार्ट सिटी के लिए कसरत चल रही है। इस परियोजना से सुधार की उम्मीदों को लेकर विशेषज्ञ भी पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं। शनिवार को आनंद कॉलेज ऑफ आर्किटेक्ट और आगरा आर्किटेक्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय सेमिनार में आए विशेषज्ञों ने भी सफलता की संभावनाओं पर सवाल उठाए। एसपीए भोपाल के डीन रिसर्च एंड प्लानिंग प्रो. संजीव सिंह सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने इसी पर प्रेजेंटेशन दिया। साथ ही कहा कि जेएनएनयूआरएम परियोजना में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर सरकार का पैसा बर्बाद गया। कुछ भी सुधार नहीं हुआ। ऐसे में उन्होंने स्मार्ट सिटी परियोजना में इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखने की भी सलाह दी।

प्रदेश में हर शहर को मिला शून्य

स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए शहरों का चयन कई बिंदुओं पर हुआ। इसमें केंद्र सरकार ने जेएनएनयूआरएम की सफलता को भी मानक बनाया था। इसमें प्रदेश के सभी शहरों को शून्य मिला है। इसी तरह जेएनएनयूआरएम की फेल योजनाओं पर अब अमृत योजना के तहत पैसा खर्च करने का खाका तैयार हो रहा है।


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