आरपीएफ सिपाही ने तोड़ा गार्ड का हाथ
जागरण संवाददाता, आगरा: रेलवे की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) के सिपाहियो
जागरण संवाददाता, आगरा: रेलवे की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) के सिपाहियों ने बुधवार को हद दर्जे की दबंगई दिखाई। ईदगाह स्टेशन पर तैनात सिपाही जगमोहन सिंह ने लगेज कंपार्टमेंट में सवारियां बिठाने का प्रयास किया। मना करने पर साथी सिपाहियों के साथ मिलकर गार्ड एमएस मीना को पीट डाला। उनका हाथ तोड़ दिया। आरोपी सिपाही को निलंबित कर दिया गया है।
ईदगाह रेलवे स्टेशन पर बुधवार सुबह 8.30 बजे आगरा फोर्ट-कोटा पैसेंजर खड़ी थी। स्टेशन पर देव बाबा मेला बयाना के श्रद्धालुओं की भीड़ थी। ट्रेन में मौजूद गंगापुर सिटी के गार्ड एमएस मीना के मुताबिक आरपीएफ सिपाही जगमोहन सिंह अपने साथियों के साथ वहां आया। वह लगेज कंपार्टमेंट खोलने के लिए कहने लगा। उन्होंने बताया कि इस बोगी में नियमानुसार सवारियां नहीं बिठाई जा सकतीं। इस पर वह जबरन बोगी खोलने लगा। रोकने पर अपने साथियों के साथ मारपीट शुरू कर दी। उन्हें लात व घूंसों से पीटा। इसके बाद बोगी का ताला तोड़कर सवारियों को उसमें बैठा दिया।
रवानगी का समय होने पर ट्रेन नहीं चली, तब स्टेशन मास्टर को सूचना दी गई। उन्होंने ट्रेन पर दूसरे गार्ड को भेज कर रवाना किया। गार्ड मीना को रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने हाथ में फ्रैक्चर बताया। इसकी सूचना कंट्रोल रूम के जरिए आरपीएफ अधिकारियों को दी गई। जनसंपर्क अधिकारी भूपिंदर ढिल्लन ने बताया कि आरपीएफ अधिकारियों ने आरोपी सिपाही जगमोहन को निलंबित कर दिया है।
सिपाही की गलती नहीं तो क्यों दी सजा?
आरपीएफ की ओर से इस मामले में जो कहानी बताई है, वह अजीब नजर आती है। इसमें कहा गया कि भीड़ अधिक होने पर सिपाही ने गार्ड से कहा कि लगेज कंपार्टमेंट में यात्री बिठा लो। इस पर विवाद हुआ और गार्ड ने सिपाही को थप्पड़ मारा, बाद में सिपाही ने मारा। फिर यात्रियों ने गार्ड को पीटा। सिपाही की वर्दी फट गई। चोटिल होने पर उसे भी अस्पताल भेजा। सवाल उठता है कि जब आरपीएफ सिपाही की गलती नहीं थी, तो इतनी जल्दी उसे निलंबित क्यों किया।