मंटोला में चले अभियान में रची गई थी साजिश
जागरण संवाददाता, आगरा : सिटी मजिस्ट्रेट रेखा एस चौहान की सुपारी मंटोला में चले अतिक्रमण विरोधी अभिया
जागरण संवाददाता, आगरा : सिटी मजिस्ट्रेट रेखा एस चौहान की सुपारी मंटोला में चले अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान दी गई थी। षड़यंत्र की भनक एलआइयू को नहीं लगी। अफसर का मुखबिर तंत्र ही काम आया है। मंगलवार को इस मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।
सिटी मजिस्ट्रेट ने करोड़ों रुपये की नजूल भूमि खाली कराई है। यह भूमि दिल्ली गेट, लोहामंडी, मंटोला क्षेत्रों में हैं। इससे एक भू माफिया को जबरदस्त झटका लगा है।
सूत्रों के अनुसार सुपारी कोडवर्ड में दी गई है। जिसमें लगातार महिला अफसर का नाम लिया गया है और तस्वीर भी दी गई है। सिटी मजिस्ट्रेट के आवास के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिग को खंगाला जा रहा है। जिससे आवास के आसपास रेकी करने वाले संदिग्धों की जानकारी मिल सके।
कलक्ट्रेट के सीसीटीवी फुटेज की होगी जांच
कलक्ट्रेट में कई स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इनके फुटेज मांगे गए हैं। जिससे भू माफिया के खिलाफ सुबूत जुटाए जा सकें। साथ ही माफिया के साथ और कितने लोग आए थे, इसकी जानकारी भी मिल सकती है।
भू माफिया की तैयार हो रही कुंडली
अफसर के खिलाफ साजिश रचने वाले भू माफिया की कुंडली तैयार की जा रही है। भू माफिया के साथ रहने वाले लोग भी शामिल हैं। साथ ही माफिया ने शहर के किन-किन क्षेत्रों में सरकारी जमीन पर कब्जा करवाया है। इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है।
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पुलिस अधिकारियों को दी जानकारी
सिटी मजिस्ट्रेट ने इस मामले की जानकारी मंगलवार को एसएसपी राजेश डी मोदक और एसपी सिटी राजेश कुमार सिंह को भी दी। इसके बाद पुलिस भी इस मामले पर सक्रिय हो गई है।
बिना डरे निपटाए सरकारी कार्य
सुपारी दिए जाने का मामला सामने आने के बाद सिटी मजिस्ट्रेट रेखा एस चौहान बेखौफ नजर आई। मंगलवार को सिटी मजिस्ट्रेट ने शहर के कई क्षेत्रों का निरीक्षण किया और अतिक्रमण करने वाले लोगों को चिन्हित किया। इसके बाद कार्यालय में जनता की समस्याओं को सुना और दोपहर बाद जामा मस्जिद से यमुना किनारा रोड तक अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया।
अछनेरा में भी तुड़वाई थीं दुकानें
एसडीएम किरावली के पद पर रहीं रेखा एस चौहान ने अछनेरा क्षेत्र में सरकारी जमीन से अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त कराया था। अतिक्रमण विरोधी अभियान को रोकने के लिए लगातार दबाव पड़ा था और धमकियां भी मिली थीं, लेकिन उन्होंने कार्रवाई नहीं रोकी थी और बेशकीमती जमीन को खाली कराया था।