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बड़ा सफर है मुश्किल रास्ता, अभी तो मंजिल बाकी है

आगरा: भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) ने जो बीज 73 साल पहले बोया था, उसकी घनी बेल लिटिल इप्टा के रूप में

By Edited By: Published: Mon, 25 May 2015 10:47 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2015 10:47 PM (IST)

आगरा: भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) ने जो बीज 73 साल पहले बोया था, उसकी घनी बेल लिटिल इप्टा के रूप में नाट्य जगत में पल्लवित हो रही है। सोमवार को इप्टा के स्थापना दिवस पर लिटिल इप्टा ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। स्थापना समारोह यूनिवर्सिटी मॉडल स्कूल में आयोजित किया गया। स्व. जितेंद्र रघुवंशी को समर्पित इस समारोह की शुरुआत में इप्टा के विजय शर्मा ने बताया कि 25 मई 1943 में इप्टा की नींव स्व. राजेंद्र रघुवंशी, बलराज साहनी और एके हंगल ने मिलकर रखी थी। राजेंद्र रघुवंशी के बाद उनके पुत्र जितेंद्र रघुवंशी ने इप्टा को आगे बढ़ाने के लिए बच्चों को नाट्य प्रशिक्षण देना शुरू किया। यहीं से शुरुआत हुई लिटिल इप्टा की। कार्यक्रम में जितेंद्र रघुवंशी द्वारा लिखे गीत बड़ा सफर है मुश्किल रास्ता, अभी तो मंजिल बाकी है प्रस्तुत किया। छोटी बच्चियों की कथक प्रस्तुति ने मन मोह लिया। कथक का निर्देशन ज्योति खंडेलवाल ने किया। इस दौरान कवि पाश की कविता का भावाभिनय किया गया।


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