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णमोकार मंत्र से हुई है मंत्रों की उत्पत्ति

जागरण संवाददता, आगरा: शहर के जैन मंदिरों में बच्चों में संस्कार रोपे जा रहे हैं। विद्वान उन्हें दीक्

By Edited By: Published: Mon, 25 May 2015 10:33 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2015 10:33 PM (IST)
णमोकार मंत्र से हुई है मंत्रों की उत्पत्ति

जागरण संवाददता, आगरा: शहर के जैन मंदिरों में बच्चों में संस्कार रोपे जा रहे हैं। विद्वान उन्हें दीक्षा प्रदान रहे हैं। वहीं, जैन मुनि भी धार्मिक संस्कार शिविर में बच्चों को धर्म से संबंधित ज्ञान दे रहे हैं। सोमवार को मोती कटरा स्थित जैन मंदिर में मुनि विहर्ष सागर ने बच्चों को णमोकार मंत्र की दीक्षा दी। उन्होंने बताया कि णमोकार मंत्र में 5 वाक्य, 35 अक्षर और 58 मात्राएं हैं। इसमें पंच परमेष्ठी को नमस्कार किया गया है, जिनमें अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधु शािमल हैं। जैन धर्म के मूल मंत्र णमोकार मंत्र से ही सारे मंत्रों की उत्पत्ति हुई है। इसके जाप से मन की एकाग्रता बढ़ती है और पाप कर्मो का क्षय होता है। मुंबई से आए विजय कुमार जैन ने प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों को प्रशिक्षण दिया। शालीमार एन्क्लेव स्थित पा‌र्श्वनाथ जैन मंदिर में मुनि विहसंत सागर ने बच्चों को स्वर्ग व नरक का भेद बताया। वहीं, जयपुर हाउस स्थित शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में मुनि विजयेश सागर ने बाल बोध के प्रसंगों से बच्चों को अवगत कराया। पूर्व पार्षद सुनील जैन ने बतया कि मंगलवार को सुबह छह बजे मुनि विहर्ष सागर छीपीटोला जैन मंदिर, मुनि विहसंत सागर सरला बाग और मुनि विजयेश सागर कलाकुंज मारुति स्टेट के संस्कार शिविर में मंगल संबोधन देंगे। शिविर में व्यवस्थाएं आगरा दिगंबर जैन परिषद के अध्यक्ष अशोक जैन, राकेश जैन, अनंज जैन, राजकुमार जैन आदि संभाल रहे हैं।


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