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नगला अजीता में ढही छत

जागरण संवाददाता, आगरा: दहशत से दिल पहले से ही कांप रहे थे और सोमवार को हादसा हो गया। आगरा में लगातार

By Edited By: Published: Tue, 28 Apr 2015 02:11 AM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2015 02:11 AM (IST)

जागरण संवाददाता, आगरा: दहशत से दिल पहले से ही कांप रहे थे और सोमवार को हादसा हो गया। आगरा में लगातार तीसरे दिन देर शाम धरती कांपी और आवास विकास क्षेत्र के नगला अजीता में रिहायशी भवन में बने ऑफिस की छत भरभरा कर ढह गई। मकान में भी दरारें पड़ गई। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन परिवार की दो महिलाएं दहशत के चलते बेहोश हो गईं।

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नगला अजीता में सुरेश भारद्वाज का मकान है। सोमवार को उनके चचेरे भाई दिनेश की बेटी शिखा की शादी थी। परिवार के अधिकांश सदस्य शास्त्रीपुरम स्थित मैरिज होम जा चुके थे। वहीं, सुरेश, ललित, मोहित सहित परिवार की महिलाएं घर के अंदरूनी हिस्से में शादी में जाने की तैयारी कर रही थीं। मोहित के मुताबिक, इसी बीच धरती में कुछ कंपन महसूस हुआ। अचानक मकान में ही बने उनके ट्रेडिंग कंपनी के ऑफिस की छत गिर गई। तेज आवाज के साथ वह बाहर की तरफ दौड़े और नजारा देख उनके होश उड़ गए। सुरेश भारद्वाज की बहू अमृता और अंजलि भूकंप की दहशत और छत ढही देख बेहोश हो गई। परिजन महिला-बच्चों को लेकर बाहर भागे।

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सोच-सोच कर कांप रहा परिवार

मोहित और ललित घर में ही भारद्वाज ट्रेडिंग कंपनी का ऑफिस चलाते हैं। हर दिन शाम को सात-आठ बजे दोनों भाई साथ बैठकर दिन भर का काम निपटाते हैं। कंप्यूटर पर डाटा फीडिंग करते हैं। सोमवार को शिखा की शादी की वजह से ऑफिस बंद रखा था। परिजन यही सोच-सोच कर घबरा रहे हैं कि यदि ऑफिस में कोई मौजूद रहता तो क्या होता।

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हादसे से बेफिक्र पुलिस-प्रशासन

परिजनों ने बताया कि हादसे के तुरंत बाद उन्होंने पुलिस को कंट्रोल रूम को सूचना दी। बताया कि भूकंप से ऑफिस की छत ढह गई है। इसके बावजूद देर रात तक एक सिपाही भी नहीं पहुंचा।

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दिलों में दहशत, जुटी रही भीड़

'पहले तो मैं समझ ही नहीं पाया था। हल्का सा कंपन महसूस हुआ। ऑफिस की छत गिरी तो पता चला कि भूकंप का झटका आया है।'

मोहित भारद्वाज

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'मैं तो मकान के अंदर था। सभी लोग शादी में जाने की तैयारी कर रहे थे। तेज आवाज और चीख-पुकार सुनकर बाहर दौड़कर आए।'

सुरेश भारद्वाज

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'मैं तो क्लीनिक पर मरीजों को देख रहा था। मेरी कुर्सी हिली तो मरीज सहित बाहर भागा। इतने में ही पड़ोस में छत ढह गई।'

डॉ. सुखवीर सिंह धाकरे

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'मैं नगला अजीता में रहता हूं। घर के अंदर था। कंपन महसूस हुआ। बाहर तभी आया, जब छत गिरने की तेज आवाज सुनी।'

राधारमन शर्मा

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'मैं राजामंडी बाजार में थी। शाम को भूकंप का झटका वहां भी महसूस किया। ये मेरे चाचा जी का घर है। छत गिरने की सूचना पर आ गई।'

डॉ. अंजू शर्मा

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'बाहर रोड पर खड़ा था। अचानक चक्कर आए तो सोचा दिन भर की थकान है, मगर सामने छत गिरी तो पता चला कि भूकंप का झटका आया है।'

अश्विनी गौतम


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