बारहवीं के छात्रों को करनी होगी अतिरिक्त मेहनत
जागरण संवाददाता, आगरा: सत्र 2015-16 में बारहवीं की परीक्षा देने वाले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद
जागरण संवाददाता, आगरा: सत्र 2015-16 में बारहवीं की परीक्षा देने वाले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद के कंप्यूटर साइंस के छात्रों को अधिक मेहनत करनी होगी। बोर्ड ने ग्यारहवीं और बारहवीं के कंप्यूटर साइंस के पाठ्यक्रम में बड़ा फेरबदल किया है। इसके चलते बारहवीं के छात्रों पर दोहरा बोझ आ गया है।
सीबीएसई ने कंप्यूटर साइंस के पाठ्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाने के लिए ग्यारहवीं और बारहवीं के पाठ्यक्रम में कई नए चैप्टर जोड़े हैं। 12वीं में विजुअल बेसिक के स्थान पर जावा स्क्रिप्ट शामिल किया गया है। इस यूनिट में करीब पंद्रह नंबर के तीन से चार चैप्टर शामिल हैं। इसके अलावा इनफॉरमेटिक प्रैक्टिसेज यूनिट में एप्लीकेशन एरिया बढ़ा दिया गया है। सत्र 2014-15 में इनफॉरमेशन प्रेक्टिसेज यूनिट हेल्थ केयर पर आधारित थी, अब इसे टेली मेडिसिन (कंप्यूटर के माध्यम से दवाओं की जानकारी) पर केंद्रित किया गया है। आगरा पब्लिक स्कूल के कंप्यूटर साइंस के शिक्षक देवेंद्र सिंह वर्मा बताते हैं कि बारहवीं कक्षा में ही प्रोग्रामिंग उच्च लेवल की कर दी गई है। जावा विद नेटबींस में प्रेक्टिकल एरिया भी जोड़ दिया है। ग्यारहवीं कक्षा में सी प्लस प्लस लेंग्वेज बढ़ा दी गई है। पिछले सत्र तक ग्यारहवीं में बेसिक पर ज्यादा ध्यान रहता था। पाठ्यक्रम में बदलाव के कारण बारहवीं के छात्रों पर अतिरिक्त बोझ आ गया है। बारहवीं में जोड़े गए नए चैप्टर तो उन्हें याद करने ही पड़ेंगे, ग्यारहवीं का बदला हुआ पाठ्यक्रम भी उन्हें नए सिरे से पढ़ना होगा। देवेंद्र सिंह कहते हैं कि यह बदलाव बारहवीं के छात्रों को रास नहीं आ रहा। छात्रों का कहना है कि बारहवीं में बोर्ड होने के कारण वे पहले से ही नर्वस हैं, उन्हें अतिरिक्त चैप्टर और पढ़ने होंगे।
अन्य विषयों में भी बदलाव
कंप्यूटर साइंस के अलावा सीबीएसई ने अन्य विषयों के पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया है। दसवीं में इंग्लिश लैंग्वेज में गद्य, काव्य को एब्सट्रेक्ट कर दिया है। ¨हदी परीक्षा के फॉर्मेट में बदलाव हुआ है। समाज विज्ञान में गरीबी पर आधारित चैप्टर के स्थान पर फूड सिक्योरिटी ऑफ इंडिया चैप्टर शामिल किया है।