विवि के हर छात्र की कॉपी होगी स्कैन
जागरण संवाददाता, आगरा: घोटाले के अंबेडकर विवि में बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इस बार मूल्यांकन के बा
जागरण संवाददाता, आगरा: घोटाले के अंबेडकर विवि में बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इस बार मूल्यांकन के बाद हर छात्र की कॉपी स्कैन होगी। इससे चार्ट में नंबरों की हेराफेरी नहीं हो सकेगी। वहीं, दो साल बाद उत्तर पुस्तिकाएं निरस्त होने के बाद भी विवि के पास रिकॉर्ड रहेगा।
विवि के परीक्षाफल में मूल्यांकन के बाद भी हेराफेरी हो रही है। फेल छात्रों को चार्ट में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण दर्शाया जा रहा है। इस तरह के केस बढ़ने पर विवि प्रशासन ने फर्जीवाड़े की रोकथाम की कवायद शुरू कर दी है। कुलसचिव केएन सिंह ने बताया कि मूल्यांकन के बाद हर छात्र की कॉपी स्कैन की जाएगी। जिससे उत्तर पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ पर दर्ज प्राप्तांक का ब्योरा आ जाएगा। इस तरह सभी छात्रों की कॉपी स्कैन कर प्राप्तांक का डाटाबेस तैयार कर लिया जाएगा। यह विवि के पास सुरक्षित रहेगा। जिससे मूल्यांकन के दो साल बाद उत्तर पुस्तिका निरस्त कर दी जाती हैं तो भी नंबरों में हेराफेरी को स्कैन कॉपी से पकड़ा जा सकेगा।
परीक्षक को नहीं पता चलेगा छात्र का ब्योरा
विवि के मूल्यांकन के दौरान नकल माफिया सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में परीक्षकों और केंद्र प्रभारियों से सौदेबाजी कर फोइल में नंबर बढ़ावा दिए जाते हैं। मगर इस बार परीक्षक को पता ही नहीं चलेगा कि वह किस कॉलेज और छात्र की उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन कर रहे हैं। इसके लिए उत्तर पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ पर दर्ज छात्र के ब्योरा को हटाकर एक कोड नंबर दर्ज किया जाएगा। इसका रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज होगा। मूल्यांकन के बाद कोड नंबर की डीकोडिंग कर चार्ट तैयार किए जाएंगे।
6.50 लाख छात्रों का होगा मूल्यांकन
इस बार विवि की परीक्षा में स्नातक के करीब 5.20 लाख और परास्नातक के करीब 1.30 लाख छात्र परीक्षा दे रहे हैं। विवि को 6.50 लाख छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन होना है। इसके लिए परीक्षकों के साथ ही परीक्षा कार्य देख रही एजेंसी के कर्मचारियों ने कवायद शुरू कर दी है।