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मंत्री के आवास पर अनशन

जागरण संवाददाता, आगरा: ताजनगरी में खंडपीठ की मांग को लेकर लगातार आंदोलनरत वकील अब आरपार के मूड में ह

By Edited By: Published: Tue, 24 Feb 2015 09:54 PM (IST)Updated: Wed, 25 Feb 2015 04:37 AM (IST)
मंत्री के आवास पर अनशन

जागरण संवाददाता, आगरा: ताजनगरी में खंडपीठ की मांग को लेकर लगातार आंदोलनरत वकील अब आरपार के मूड में हैं। कुछ वकील मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ. रामशंकर कठेरिया के आवास के बाहर अनशन पर बैठ गए। शाम को वहां पहुंचे केंद्रीय मंत्री ने एक सप्ताह में उनकी मुलाकात केंद्रीय विधि मंत्री से कराने का आश्वासन देकर अनशन समाप्त कराया।

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खंडपीठ का मसला आगरा और मेरठ के बीच फंसा है। आगरा के वकील इस बात से नाराज हैं कि केंद्र सरकार जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट को मानते हुए आगरा में खंडपीठ स्थापना का निर्णय क्यों नहीं ले रही। आगरा के सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया को टीम मोदी में मंत्री पद मिला तो वकीलों की उम्मीदें मजबूत हो गई। संघर्ष समिति चाहती है कि केंद्रीय राज्यमंत्री कठेरिया उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कराएं। गत दिवस रामशंकर कठेरिया के घर आगमन के बावजूद प्रधानमंत्री से मुलाकात न होने से वकील नाराज थे। सोमवार को दीवानी की आम सभा में अधिवक्ता अजय चौधरी ने कठेरिया के आवास के बाहर अनिश्चतकालीन अनशन की घोषणा कर दी थी।

मंगलवार सुबह लगभग दस बजे वह अपने साथियों के साथ खंदारी परिसर के बाहर सड़क पर अनशन को पहुंचे। पुलिस ने वहां लगाया गया छोटा सा मंच हटा दिया। कुछ अधिवक्ता और पहुंच गए, जिसके बाद जमीन पर गद्दे बिछा कर अजय चौधरी, पूरन सिंह राजपूत और लोकेंद्र त्यागी अनशन पर बैठ गए। समर्थन में उप्र बार काउंसिल की सदस्य दरवेश यादव, मनीष सिंह, गगन शर्मा, आशुतोष श्रोत्रिय आदि भी धरने पर बैठ गए।

शाम करीब 5.30 बजे केंद्रीय राज्यमंत्री कठेरिया अनशन स्थल पर पहुंचे। वकीलों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कराने की मांग उनसे की। इस पर कठेरिया ने कहा कि इस मामले के लिए विधि मंत्री को अधिकृत किया है। अरुण जेटली वरिष्ठ नेता हैं। एक सप्ताह में उनसे मुलाकात करा दी जाएगी। प्रधानमंत्री तक भी आपका प्रतिवेदन पहुंचा दिया जाएगा। साथ ही कठेरिया ने कहा कि वह हमेशा आगरा के आंदोलनों में भागीदार रहे हैं। अभी धरने पर न बैठने के पीछे प्रोटोकॉल की मजबूरी है, लेकिन साथ जरूर हूं। वकील इससे सहमत हुए तो कठेरिया ने जूस पिला कर अनशन समाप्त करा दिया।


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