रोड पर नहीं चलेंगे ज्यादा पुराने वाहन
जागरण संवाददाता, आगरा: बहुत संभव है कि वक्त-वक्त पर कार बदलने का शौक आगरा के बाशिंदों को दिल में दबा
जागरण संवाददाता, आगरा: बहुत संभव है कि वक्त-वक्त पर कार बदलने का शौक आगरा के बाशिंदों को दिल में दबाना पड़े। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली की उप्र सरकार को भी नोटिस जारी किया है। आगरा के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संजय कुलश्रेष्ठ की याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने निर्देश दिए हैं कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वाहनों की संख्या पर नियंत्रण को ठोस नीति और कार्ययोजना बनाई जाए।
आगरा के डॉ. संजय कुलश्रेष्ठ ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में याचिका दायर की है। उन्होंने तर्क दिया कि देश में इस समय लगभग 19.5 करोड़ वाहन (चार पहिया) दौड़ रहे हैं। डेढ़ करोड़ वाहन हर साल बढ़ जाते हैं। वाहनों की यह अनियंत्रित संख्या खतरनाक है। लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से स्वास्थ्य को खतरा है। खास तौर पर बच्चों में प्रदूषणजनित बीमारियां देखने को मिल रही हैं। इसका उपाय जरूरी है। डॉ. कुलश्रेष्ठ ने याचिका में उल्लेख किया कि दिल्ली में लगातार सड़क और फ्लाईओवर बनते जा रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी जाम से राहत नहीं है। लिहाजा, सड़कें बनाते रहने से समाधान नहीं हो सकता, इसलिए ठोस उपाय करने चाहिए। याचिकाकर्ता ने सुझाव भी रखे कि एक व्यक्ति को एक से अधिक कार न बेची जाए। यदि कोई कार खरीदे तो उससे पैन के साथ इन्कम टैक्स रिटर्न का ब्योरा भी लिया जाए। साथ ही दिल्ली के लिए जारी आदेश की तरह अन्य मेट्रो सिटी और आगरा में भी पुराने वाहनों के संचालन पर पाबंदी लगाया जाना बेहतर होगा। उन्होंने आगरा में बढ़ रहे प्रदूषण से ताज को नुकसान का भी उल्लेख किया।
याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस स्वतंत्र कुमार, विशेषज्ञ सदस्य एआर यूसुफ और रंजन चटर्जी ने शुक्रवार को निर्देश जारी किए। उन्होंने उप्र सरकार को नोटिस जारी कर कहा है कि वाहनों की संख्या पर नियंत्रण के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग सहित संबंधित विभागों की बैठक कर ली जाए। प्रदूषण पर रोकथाम के लिए यह बहुत जरूरी है। कार्ययोजना के साथ एनजीटी द्वारा 25 फरवरी 2015 को अगली सुनवाई की जाएगी।