Move to Jagran APP

इलाज कराना है तो बच्ची को घर ले जाओ

जागरण संवाददाता, आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज में गर्भवती की बेटी के साथ मारपीट की शिकायत डीएम से करने पर

By Edited By: Published: Thu, 30 Oct 2014 10:53 PM (IST)Updated: Thu, 30 Oct 2014 10:53 PM (IST)

जागरण संवाददाता, आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज में गर्भवती की बेटी के साथ मारपीट की शिकायत डीएम से करने पर डॉक्टर भड़क गए। उन्होंने गुरुवार को गर्भवती का इलाज करने के लिए बच्ची को घर ले जाने चेतावनी दे दी। वहीं, दवाएं भी बाजार से लाने के लिए कह दिया। इस पर आक्रोशित परिजनों ने विरोध किया और डीएम से शिकायत करने की कह कर वार्ड से बाहर निकल आए। किसी तरह परिजनों को डॉक्टरों ने समझा बुझाकर शांत किया।

loksabha election banner

गांव मस्तीपुर गंजडुडवारा, कासगंज निवासी ट्रक चालक प्रमोद की गर्भवती पत्‍‌नी शीला को बुधवार को स्त्री रोग विभाग के वार्ड से बाहर निकाल दिया था। उनकी गोद ली हुई पांच साल की बेटी नीतू के प्रसव कक्ष में चले जाने पर महिला जूनियर डॉक्टरों ने थप्पड़ जड़े थे। इसी दौरान एसएन में पहुंची डीएम पंकज कुमार से शिकायत करने पर उन्हें भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया। प्रमोद का आरोप है कि सुबह डॉक्टरों ने शीला का इलाज करने के लिए बच्ची को घर ले जाने की शर्त रख दी। वहीं, दवाएं भी बाजार से लाने के लिए कह दिया। उन्होंने बच्ची के घर पर अकेला न छोड़ पाने की मजबूरी भी बताई, लेकिन डॉक्टर नहीं माने। इस पर प्रमोद डीएम से शिकायत करने की कह कर वार्ड से बाहर निकल आए। इसे देख डॉक्टरों में खलबली मच गई। उन्होंने प्रमोद को समझा बुझाकर शांत किया। प्राचार्य डॉ. अजय अग्रवाल ने बताया कि संक्रमण के चलते बच्ची को वार्ड में न रखने के लिए कहा गया होगा। मरीज को इलाज दिया जा रहा है। दवाएं भी कॉलेज से दी जाएंगी।

निजी अस्पताल से किया रेफर

सूत्रों के मुताबिक, एसएन में कार्यरत एक चिकित्सा शिक्षक के निजी अस्पताल में प्रमोद ने अपनी पत्‍‌नी को भर्ती कराया था। आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर उन्हें एसएन में भर्ती करा दया गया। इस मामले को तूल न देने के लिए चिकित्सा शिक्षक भी परिजनों पर दबाव बना रही हैं।

कर्ज लेकर करना पड़ रहा इलाज

वार्ड में भर्ती मरीजों से बाजार से दवाएं मंगाई जा रही हैं। यहां, छह दिन से भर्ती रेनू के पति गांव कुकथरी पिनाहट निवासी रतीवंत ने बताया कि बाजार से दस हजार की दवाएं ला चुके हैं। 500 से 700 रुपए के 20 से 25 इंजेक्शन बाजार से लिखे गए हैं। उनका आरोप है कि दवाएं मंगाकर स्टाफ के कर्मचारी उन्हें बाजार में बेच देते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.