मूर्तियों के विसर्जन को फिर से तलाशे जाएंगे विकल्प
जागरण संवाददाता, आगरा: यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन की रोक के बाद जिला प्रशासन फिर से विकल्प तलाशने जा रहा है। एक बार फिर से यमुना नदी के किनारे और सभी नगर पंचायतों और पालिका परिषदों में सर्वे का कार्य शुरू होने जा रहा है। जिससे मूर्तियों का सही तरीके से विसर्जन कराया जा सके। फिलहाल नगर निगम शहर में मूर्ति विसर्जन के लिए एक भी स्थान नहीं तलाश पाया है। जिस पर डीएम ने सख्त नाराजगी जाहिर की। जल्द ही वैकल्पिक स्थान चिन्हित करने का आदेश निगम अधिकारियों को दिया गया है।
पिछले दिनों लखनऊ में मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में बैठक हुई। मुख्य सचिव ने आगरा सहित अन्य जिलों के डीएम से 25 अगस्त तक विसर्जन की प्लानिंग भेजने के आदेश दिए। शुक्रवार को डीएम पंकज कुमार ने अफसरों के संग बैठक की। डीएम ने बताया कि जिले के सभी एसडीएम को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आधा दर्जन विभागों की गठित कमेटी जल्द ही सर्वे का कार्य पूरा करेगी और नदी किनारे जिन स्थलों पर कुंड बनाए जा सकते हैं। उनके लिए स्थलों को चिन्हित किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों को चिन्हित किया जाएगा। नगर निगम ने बल्केश्वर घाट, पोइया घाट, हाथी घाट व कैलाश घाट पर मूर्तियों का विसर्जन होता है। यमुना किनारे इन स्थानों पर कुंड बनाकर उसमें यमुना जल भरने की योजना थी। ताकि लोगों को यहां मूर्तियां विसर्जित करने को तैयार किया जा सके। नगर निगम एक पखवाड़े से इन स्थानों पर कुंड बनाने को जगह तलाश कर रहा है लेकिन आज तक स्थान चिंहित नहीं किया जा सका। डीएम ने निगम अधिकारियों के कुंड के लिए स्थान चिन्हित नहीं करने पर सख्त नाराजगी जाहिर की और पूछा कि गणेश चर्तुथी करीब है, आखिर कब वह कुंड के लिए स्थान निश्चित करेंगे। अपर नगरायुक्त केपी त्रिपाठी ने शीघ्र स्थान तय करने की बात कही। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी है। जिसके बाद शासन ने मूर्ति विसर्जन के विकल्प तलाशने के आदेश दिए थे, जिससे यमुना नदी को प्रदूषित होने से बचाया जा सके।
कुंड पर होंगे इंतजाम
डीएम पंकज कुमार का कहना है कि सर्वे के बाद ही कुंड खुदवाने का निर्णय लिया जाएगा। लेकिन कुंड के आसपास सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे।