ताजगंज में डीजल लोडिंग ऑटो पर बैन
जागरण संवाददाता, आगरा: नए साल से ताजगंज में डीजल चलित लोडिंग ऑटो की एंट्री नहीं हो सकेगी। क्षेत्र में सीएनजी लोडिंग ऑटो को चलाने की अनुमति होगी। चेकिंग के दौरान क्षेत्र में डीजल ऑटो मिलने पर परिवहन और ट्रैफिक विभाग के अफसरों को दोषी मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।
ताज ट्रेपेजियम जोन से डीजल लोडिंग ऑटो (3000 किग्रा की क्षमता वाले) को बाहर किया जा रहा है। जिले में ऐसे ऑटो की संख्या 8631 (2004 से लेकर 30 जुलाई 2014 तक) है। आसपास के जिलों में पंजीकृत लोडिंग ऑटो भी यहां चलते हैं। ऐसे ऑटो की संख्या करीब 500 है। यानी जिले में 9131 लोडिंग ऑटो हैं। ताजगंज क्षेत्र में हर दिन बड़ी संख्या में लोडिंग ऑटो से माल ढोया जाता है। अब ऐसे ऑटो को सीएनजी में कन्वर्ट किया जा रहा है। इसके लिए ऑटो स्वामियों को पांच माह का समय दिया है। एक जनवरी 2015 से डीजल से चलने वाले ऑटो ताजगंज क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। जबकि 31 जुलाई 2016 के बाद ऐसे लोडिंग ऑटो का शहरी क्षेत्र में संचालन नहीं हो सकेगा। मंडलायुक्त प्रदीप भटनागर का कहना है कि ताजगंज क्षेत्र में चलने वाले ऑटो स्वामियों को पांच माह की मोहलत दी गई है, जिससे वे ऑटो को सीएनजी में कन्वर्ट करा लें। फिर विशेष चेकिंग अभियान शुरू किया जाएगा और ऑटो का संचालन होने पर अफसरों को भी दोषी मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।
सीएनजी की नहीं है किल्लत
मंडलायुक्त का कहना है कि शहर में सीएनजी की कोई कमी नहीं है। जल्द ही कालिंदी विहार में एक और सीएनजी पंप खुलने जा रहा है। अभी चार पंप हैं।
दर्जनभर ही हैं सीएनजी चलित ऑटो
आरटीओ कार्यालय में सीएनजी चलित लोडिंग ऑटो भी पंजीकृत हैं। इनकी संख्या दर्जनभर है। बाकी के डीजल चलित हैं।
20 से 25 हजार रुपये का आएगा खर्चा
डीजल चलित ऑटो में सीएनजी किट फिट करवाने में करीब 20 से 25 हजार रुपये का खर्चा आएगा। किट लगवाने के बाद ऑटो स्वामियों को आरटीओ कार्यालय से प्रमाण पत्र भी लेना होगा। इसके बाद ही ऑटो को चलाने की अनुमति मिलेगी।
फिलहाल पंजीकरण पर नहीं होगी रोक
संभागीय परिवहन अधिकारी ओपी सिंह का कहना है कि नए वाहनों के पंजीकरण पर फिलहाल कोई रोक नहीं लगाई है। डीजल चलित लोडिंग ऑटो शहरी क्षेत्र की सीमा से बाहर चल सकते हैं। इसी शर्त पर उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।