कागजों से यूनिफॉर्म नहीं बनती 'सरकार'
जागरण संवाददाता, आगरा: कागज से कश्ती तो बन सकती है, मगर यूनिफॉर्म नहीं बनती है 'सरकार'। परिषदीय स्कूलों में यूनीफॉर्म वितरण को शासन ने कागजी आदेश तो जारी कर दिया, मगर, बजट भेजना भूल गई। जुलाई का अंतिम सप्ताह शुरू हो चुका है, लेकिन बच्चों को अभी तक यूनीफॉर्म नहीं मिली हैं।
परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को समय पर यूनीफॉर्म बांटने के लिए तत्कालीन प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा नीतिश्वर कुमार ने आदेश जारी किया था। बच्चों को फिटिंग की यूनीफॉर्म मिले, इसके लिए उन्होंने बच्चों का नाप कराने के आदेश पिछले सत्र के दौरान ही दे दिए थे। नए सत्र में स्कूल खुलते ही सभी बच्चों को यूनिफॉर्म वितरित की जानी थीं। मगर, स्कूल खुले हुए 24 दिन बीतने के बाद भी बच्चे पुरानी यूनिफॉर्म में ही स्कूल जा रहे हैं। स्कूलों में इसी सत्र में एडमिशन लेने वाले बच्चों पर तो यूनीफॉर्म होने का प्रश्न ही नहीं उठता। दरअसल, स्कूलों में यूनीफॉर्म वितरण को अभी बजट ही नहीं मिला है। प्रदेश स्तर से यूनिफॉर्म वितरण का कागजी आदेश जारी होने के बाद किसी ने उसकी सुध ही नहीं ली। इससे अब एक बार फिर यूनिफॉर्म वितरण में पूर्व की भांति गड़बड़ी की आशंका है। पिछले वर्ष भी छात्र-छात्राओं को नाप लेकर यूनीफॉर्म सिलवाने की जगह रेडीमेड यूनीफॉर्म बांट दी गई थीं। बजट विलंब से मिलने पर इस बार भी ऐसा ही होने की संभावना है। छात्र-छात्राओं का नाप भी अभी तक नहीं लिया गया है।
बीएसए देवेंद्र प्रकाश यादव ने बताया कि यूनीफॉर्म वितरण के लिए अभी बजट नहीं मिला है। अन्य प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। बजट जारी होने पर यूनीफॉर्म का वितरण करा दिया जाएगा।