डाक विभाग के तीन कर्मियों को कैद, जुर्माना
जेएनएन, आगरा: मुख्य डाकघर में फर्जीवाड़े से नौकरी हासिल करने के मामले में सीबीआइ अदालत ने शनिवार को डाक विभाग के तीन कर्मचारियों को चार- चार साल की कैद की सजा सुनाई। अदालत ने तीनों पर पांच- पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
वर्ष 1994- 95 में आगरा के मुख्य डाकघर में शिवराज सिंह और कृष्ण गोपाल ने कार्यालय सहायक की नौकरी हासिल की। नौकरी हासिल करने के लिए दोनों ने शैक्षणिक योग्यता से संबंधित जो दस्तावेज लगाए, वह फर्जी थे। मुख्य डाकघर में तैनात वरिष्ठ कार्यालय सहायक वेद प्रकाश पांडे को दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन करना था, लेकिन उन्होंने दस्तावेजों की जांच नहीं की। शिकायत मिलने पर सीबीआइ ने मामले की जांच की और गाजियाबाद स्थित सीबीआइ अदालत में चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में तीनों को आरोपी बनाया गया।
गाजियाबाद कार्यालय के अनुसार सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एमएस वाधवा की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। सीबीआइ पक्ष की दलील और गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने तीनों को दोषी करार दिया। अदालत ने तीनों को चार- चार साल की कैद और पांच- पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।