कॉल ड्राप पर सर्विस प्रोवाइडर को हो जेल: TRAI का प्रस्ताव
कॉल ड्राप को लेकर चल लड़ाई थमने का नाम ही नहीं ले रही| ये तो साफ है की इस मामले में हमेशा सर्विस प्रोवाइडर्स को ही गलत माना गया है
कॉल ड्राप को लेकर चल लड़ाई थमने का नाम ही नहीं ले रही| ये तो साफ है की इस मामले में हमेशा सर्विस प्रोवाइडर्स को ही गलत माना गया है, पर फिर भी इस मामले का अभी तक कोई एक निर्णय नहीं हो पाया है| अब इस मामले में एक और नई बात सामने आयी है|
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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने कॉल ड्रॉप पर लगाम लगाने के लिए ज्यादा अधिकार दिए जाने की मांग की है| ट्राई का कहना है कि कॉल ड्रॉप पर तय नियमों के उल्लघंन पर संबंधित मोबाइल ऑपरेटर कंपनी के अफसरों को दो साल की जेल हो| साथ ही संबंधित कंपनी पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाए|
ट्राई ने एक्ट 1997 के सेक्शन 29 में संशोधन का प्रस्ताव किया है| यह धारा उसके निर्देशों के उल्लंघन पर जुर्माना लगाने के बारे में है| ट्राई ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DOT) से कहा, 'अगर सर्विस प्रोवाइडर इस एक्ट के रेग्युलेशन, लाइसेंस के टर्म्स और कंडीशन के खिलाफ काम करते हैं, तो ऐसे मोबाइल ऑपरेटर कंपनियों पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा|'
बता दे की ट्राई ने कॉल ड्रॉप पर सख्ती दिखाते हुए हाल ही में मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के खिलाफ जुर्माना लगाए जाने का आदेश जारी किया था| इस तहत संबंधित कंपनी पर प्रति कॉल ड्रॉप 1 रुपये का जुर्माना लगाया जाना था| हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को खारिज कर दिया था| इसके बाद ट्राई ने नए सिरे से रेग्युलेशन की पहल की है|