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गोगल्स के बिना ‘टेंपररी नाइट विजन देगा’ यह स्‍पेशल आइड्रॉप !

एक बायोहैकिंग प्रोजेक्ट के तहत, दो वैज्ञानिकों ने एक खास तरीके की आइ ड्रॉप को बनाया है जो अंधेरे में रेड लाइट के प्रति संवेदनशील है और टेंपररी नाइट विजन की क्षमता विकसित करता है।

By Monika minalEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2015 01:34 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2015 01:46 PM (IST)
गोगल्स के बिना ‘टेंपररी नाइट विजन देगा’ यह स्‍पेशल आइड्रॉप !

नई दिल्ली: एक बायोहैकिंग प्रोजेक्ट के तहत, दो वैज्ञानिकों ने एक खास तरीके की आइ ड्रॉप को बनाया है जो अंधेरे में रेड लाइट के प्रति संवेदनशील है और टेंपररी नाइट विजन की क्षमता विकसित करता है।
मॉलिक्यू लर बायोलोजी लैब्सर में काम कर चुके गैबरिल लिसिना (Gabriel Licina), व एक रजिस्टयर्ड नर्स जैफरी तिब्बतैस(Jeffery Tibbetts), ने एक साथ मिलकर Chlorin e6 या ce6 नामक, केमिकल विकसित किया और इसे अपनी ‘नाइट विजन आइ ड्रॉप्स’ में इस्तेमाल किया।
वैसे इसे एक ‘महत्वपूर्ण खोज’ के तौर पर लिया जा सकता है, जो समाधान के साथ आई है। लिसिना का कहना है कि यह बस एक कृत्रिम आइड्रॉपर है, जो ce6( एक कैमिकल जो कैंसर के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है) का प्रयोग, आंखों को रेड लाइट के प्रति संवेदनशील बनाने का काम करता है।
रिसर्चर्स ने कहा है कि अन्य बायोहैकिंग प्रोजेक्ट्स की तरह, नाइट विजन आइड्रॉप्स प्रोजेक्ट भी बंद होना चाहिए क्योंकि बहुत से डॉक्टर्स ने बायोहैकिंग के लिए डर, मुकदमें और इसके लिए जरूरी फंड के स्तर को लेकर भी सावधान किया है।

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