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19 साल बाद सावन व पुरूषोत्तम मास का संयोग आया है

सावन माह की शुरूआत एक अगस्त से प्रारंभ होगा इस दौरान श्रद्घालु पूरे माह तक भगवान शंकर की पूजा अर्चना में लीन रहेंगे वहीं कांवरिया दल अमरकंटक से जल लेकर बुढ़ामहादेव में जलाभिषेक करेंगे। इस वर्ष सावन माह में चार सोमवार पड़ेंगे। पुरूषोत्तम मास होने के कारण सावन इस बार एक माह की देरी से 1 अगस्त से आरंभ होगा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2015 12:24 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2015 12:32 PM (IST)
19 साल बाद सावन व पुरूषोत्तम मास का संयोग आया है
19 साल बाद सावन व पुरूषोत्तम मास का संयोग आया है

कवर्धा। सावन माह की शुरूआत एक अगस्त से प्रारंभ होगा इस दौरान श्रद्घालु पूरे माह तक भगवान शंकर की पूजा अर्चना में लीन रहेंगे वहीं कांवरिया दल अमरकंटक से जल लेकर बुढ़ामहादेव में जलाभिषेक करेंगे। इस वर्ष सावन माह में चार सोमवार पड़ेंगे। पुरूषोत्तम मास होने के कारण सावन इस बार एक माह की देरी से 1 अगस्त से आरंभ होगा। दो तिथियों का क्षय होने से सावन 29 दिन का रहेगा। इसलिए इस बार सावन में चार सोमवार ही रहेंगे। भक्त भोलेनाथ की भक्ति में डूब जाएंगे।
हर बार सामान्यतः आषाढ़ माह की समाप्ति गुरूपूर्णिमा से होती हैं। इसके दूसरे दिन से सावन शुरू हो जाता है। इस साल आषाढ़ व अधिकमास होने से सावन एक माह देरी से शुरू होगा। इससे वर्षा ऋतु काल भी 1 माह बढ़ जाएगा। पंडितों की माने तो 19 साल बाद सावन व पुरूषोत्तम मास का संयोग आया है। पुरूषोत्तम मास 16 जुलाई को समाप्त हुआ। सावन एक से 29 अगस्त तक रहेगा। सावन का समापन रक्षाबंधन और श्रावणी उपकर्म से होगा। अन्य त्यौहार भी 20 दिन देरी से आएंगे। इस तरह की स्थिति 19 वर्ष बाद 2034 में बनेगी। कृष्ण व शुक्ल पक्ष में (तीज व चतुर्थी एक दिन में होने से) एक-एक तिथि का क्षय होने से सावन 29 दिन का होगा। 3, 10, 17, 24 अगस्त को सावन सोमवार पर शिव मंदिरों में भक्त उमड़ेंगे।


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