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सावन में बेल पत्र और तांडव का महत्व

हिंदू धर्म में सावन के महीने को भगवान शंकर के लिए समर्पित किया गया है जहां भक्त पूरे महीने शिव भक्ति में लीन दिखाई देते हैं। संहार के देवता भगवान शिव की पूजा हर कोई करता है। देवों के देव महादेव जहां देवताओं के उपास्य हैं तो वहीं अनेक असुरों-

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2015 11:53 AM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2015 11:55 AM (IST)

हिंदू धर्म में सावन के महीने को भगवान शंकर के लिए समर्पित किया गया है जहां भक्त पूरे महीने शिव भक्ति में लीन दिखाई देते हैं। संहार के देवता भगवान शिव की पूजा हर कोई करता है। देवों के देव महादेव जहां देवताओं के उपास्य हैं तो वहीं अनेक असुरों- अन्धक, दुन्दुभी, महिष, त्रिपुर, रावण, निवात-कवच आदि को भी उन्होंने अतुल ऐश्वर्य प्रदान किया है. वैसे भगवान शिव के बारे में कहने के लिए तो बहुत कुछ है लेकिन यहां हम कुछ ऐसी बाते रखेंगे जिसे हर किसी को जानना चाहिए

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बेल पत्र का महत्व

मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव की पूजा में बेल पत्र का बहुत ही ज्यादा महत्व है. सामान्य तौर पर बेलपत्र में एक साथ तीन पत्तियां जुड़ी रहती हैं, जिसे लेकर कई सारी मान्यताएं है. इसे जहां ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक माना जाता है तो वहीं इन बेल पत्रों को महादेव की तीन आंखों या उनके शस्त्र त्रिशूल के प्रतीक के रूप में देखा जाता है. यहीं नहीं इस बेल पत्र का वैज्ञानिक महत्व भी है. इसे तीन मुख्य नाड़ियों इडा, पिंगला और सुषुम्ना के चिह्न के रूप में देखा जाता है. विज्ञान कहता है कि यदि आप इड़ा और पिंगला के बीच संतुलन बना पाते हैं तो दुनिया में आप प्रभावशाली व्यक्ति हो सकते हैं.

तांडव

हम सभी जानते हैं कि तांडव भगवान शिव का ब्रह्मांडीय नृत्य है लेकिन ज्यादातर लोग इस बात से अंजान हैं कि भगवान शिव के इस नृत्य का आकर्षण नश्वर प्राणियों को देवत्व की ओर आकर्षित करता है. मनुष्यों और देवत्व के एकीकरण से आत्मा को शुद्धि मिलती है और इससे हमें नए दृष्टिकोण, एक शुद्ध आत्मा और एक नया दृढ़ संकल्प मिलता है जिससे हम विभिन्न तरह की चुनौतियों का सामना करते हैं.

शिव-सर्वोच्च चेतना

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव देवताओं में सबसे शक्तिशाली हैं. गहरी नींद, जागना और सपने देखने पर भगवान शिव का नियंत्रण होता है. अगर आप शिवालय में बेल पत्र के साथ जल या दूध चढ़ाते हैं तो एक नए स्तर पर भक्त के मनोभाव में वृद्धि मिलती है जो उपर्युक्त तीनों चीजों से आगे ले जाती है.

व्रत का महत्व

भगवान शिव को सबसे अधिक जानकार के तौर पर देखा जाता है और व्रत का महत्व भी इसी से है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार व्रत रखने से मनुष्य देवत्व के करीब पहुंचता है. इसका मतलब आध्यात्मिक ज्ञान के लिए किया गया जागरण गहरी नींद से किसी को जगाने के लिए संदर्भित है जो लोभ, वासना और सांसारिक मुसीबतों के द्वारा संचालित है


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