Move to Jagran APP

गरुड़ पुराण के अनुसार इन बुरे कर्म करने वाले को नर्क में मिलती है इतनी यातनापूर्ण सजा

गरुड़ पुराण के इन सज़ाओं पर यकीन कर लिया जाए, तो ज़रूर ही दुनिया से पाप मिट जाएंगे। इन्हें जान कर किसके मन में खौफ़ नहीं हो जाएगा?

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 16 Feb 2017 11:10 AM (IST)Updated: Fri, 17 Feb 2017 09:58 AM (IST)
गरुड़ पुराण के अनुसार इन बुरे कर्म करने वाले को नर्क में मिलती है इतनी यातनापूर्ण सजा

गरुड़ पुराण का नाम आप सबने ज़रूर सुना होगा, ये विष्णु पुराण का एक हिस्सा है। इसमें भगवान विष्णु और पक्षियों के देवता, गरुड़ के बीच हुए संवाद का ज़िक्र किया गया है। इस ग्रन्थ में मृत्यु के बाद होने वाली गतिविधियों का ब्यौरा दिया गया है। जैसे मरने के बाद क्या-क्या होता है और कर्मों के कैसे फल और कैसी सज़ा मिलती है। स्वर्ग और नर्क का सिद्धांत भी इसी ग्रन्थ में दिया गया है।इस ग्रन्थ का एक भाग पूर्ण रूप से कर्मों के लिए दी जाने वाली सज़ाओं पर आधारित है। आइये आपको बताते हैं इसमें दी गयी सबसे भयावह सज़ाओं के बारे में।

loksabha election banner

तमिस्रम; ऐसा कहा जाता है कि जो लोग दूसरों के पैसे लूटते हैं, उन्हें यमदूत रस्सी से बांध कर नर्क में मारते हैं । अगर वो बेहोश हो जाते हैं, तो उनके होश में आने के बाद फिर उन्हें पीटा जाता है।

अंधतम्त्र्सम; गरुड़ पुराण के अनुसार नर्क का ये हिस्सा उन पति या पत्नियों के लिए होता है, जो अपने पति या पत्नी के साथ तब तक ही रहते हैं, जब तक उनके पास पैसा और ख़ुशी रहती है। इसमें भी तमिस्रम जैसी सज़ा देने का प्रावधान है।

रौरावम; ये सज़ा उन पापियों के लिए है, जो दूसरों की दौलत पर ऐश करते हैं और उनकी खुशियां छीन लेते हैं।ऐसे पापियों को सांपों से भरे हुए एक कुएं में धकेल दिया जाता है।

कुम्भिपाकम; ये सज़ा उन पापियों के लिए है, जो अपनी स्वार्थ के लिए जीवों को मारते हैं। ऐसे पापियों को बड़े बर्तन में गरम तेल डाल कर तला जाता है।

कालासुत्रम; ये सज़ा उनके लिए होती है, जो अपने बड़े-बुज़ुर्गों का सम्मान नहीं करते. इन पापियों को नर्क की आग में डुबाया जाता है। ऐसा तब तक किया जाता है, जब तक उनकी खाल न निकल जाए।

असितापत्रम; ये सज़ा उनके लिए है, जो अपने काम को सही से नहीं करते और उनकी लापरवाही से किसी और को भुगतना पड़ता है। ऐसे लोगों के शरीर को नुकीले धार वाले चाकू से गोद दिया जाता है और फिर कोड़े बरसाए जाते हैं।

अन्धकूपम; ये उन लोगों के लिए होता है, जो बुरे स्वभाव के होते हैं और उनको अच्छे लोगों को परेशान करने और सताने में बहुत मज़ा आता है। इसमें पापियों को ऐसे कुएं में डाल दिया जाता है, जिसमें कई ख़तरनाक जानवर और सांप होते हैं।

तप्तमूर्ति; जो लोग सोने या अन्य किसी धातु को चुराते हैं, उन्हें नरक की गर्म आग में ज़िन्दा जला दिया जाता है।

क्रीमीभोजनम; ऐसे लोग, जो दूसरों को बस स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करते हैं, उन्हें ये खौफ़नाक सज़ा दी जाती है। ऐसे लोगों को नर्क में कीड़े और सरीसृप ज़िन्दा ही खा जाते हैं।

सलमाली; ऐसे लोग, जो अपने पति या पत्नी के अलावा किसी और के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं, नर्क में उनके अंगों में जलता हुआ गर्म लोहा डाल दिया जाता है और यमदूत बुरी तरह पीटते हैं।

वैतरणी; ऐसे शासक, जिन्होंने अपने पद का गलत उपयोग किया है, उन्हें इस नदी से होकर गुज़रना पड़ता है।ऐसा माना जाता है कि ये सबसे ख़तरनाक सज़ा है. इस वैतरणी नदी में मानव शरीर, उनकी खोपड़ियां, कंकाल और खून और कई गन्दी चीज़ें पड़ी रहती हैं। इसमें लोगों को ये सारी चीज़ें खानी भी पड़ती हैं।

पुयोदुकम; ऐसे मर्द, जिन्होंने महिलाओं के साथ सम्भोग किया हो और उन्हें धोखा देकर छोड़ दिया हो, उन्हें नर्क में जानवर समझा जाता है और मल-मूत्र भरे इस कुएं में डाल दिया जाता है।

अविची; ये नर्क उनके लिए है, जिन्होंने झूठी कसम खाई हो या झूठी गवाही दी हो। उन लोगों के शरीर में आग लगाकर ऊंचाई से फेंक दिया जाता है. वो लोग सतह पर पहुंचने से पहले ही राख हो जाते हैं।

राक्षसोभोजनम; ऐसे लोग, जिन्होंने जानवरों की बलि दी हो और उसके बाद उनका मांस खाया हो, उन्हें इस नर्क में लाया जाता है। जितने जीवों को पापियों ने मारा होता है, वो सारे यहां उपस्थित होते हैं और उनको चीर कर खा जाते हैं।

दंदसुकम; जो लोग जीवों के मांस का और उनके शरीर का व्यापार करते हैं, उन्हें यहां लाया जाता है और कुछ राक्षसी जीव उन्हें ज़िन्दा खा जाते हैं। गरुड़ पुराण के इन सज़ाओं पर यकीन कर लिया जाए, तो ज़रूर ही दुनिया से पाप मिट जाएंगे। इन्हें जान कर किसके मन में खौफ़ नहीं हो जाएगा?


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.