हर पीड़ा को हरें सुल्तान पीर
हरियाणा की पावन धरा शुरू से ही ऋषि-मुनियों, पीर-पैगंबरों व संत-महात्माओं की तपोस्थली रही है। हरियाणा में अनेक ऐसे संत व पीर हुए हैं जिन्होंने अपने तपोबल से लोगों को प्रभावित किया है।
हरियाणा की पावन धरा शुरू से ही ऋषि-मुनियों, पीर-पैगंबरों व संत-महात्माओं की तपोस्थली रही है। हरियाणा में अनेक ऐसे संत व पीर हुए हैं जिन्होंने अपने तपोबल से लोगों को प्रभावित किया है। इतना ही नहीं उन्होंने लोकहित में भी अनेक कार्य किए हैं। ऐसे ही बाबा सुल्तान पीर हुए हैं जिनकी दरगाह हिसार जिले के गांव नंगथला में स्थित है।
बाबा सुल्तान पीर की इतनी मान्यता है कि लोग दूर-दूर से दरगाह पर शीश नवाने आते हैं। गांव नंगथला निवासी पंडित खुशीराम शर्मा बताते हैं कि उनके दादा कुष्ट रोग से पीडि़त थे। बाबा सुल्तान पीर के प्रताप के कारण वे कुछ ही समय में बिल्कुल ठीक हो गए। यह बाबा के प्रति लोगों की आस्था ही है कि गांव नंगथला में कोई भी शुभ कार्य बाबा सुल्तान पीर की दरगाह पर शीश नवाने के बाद ही आरंभ किया जाता है। हर वर्ष आसौज एवं चैत्र माह में इस दरगाह पर मेला लगता है और अपार जन समूह इसमें भाग लेता है।
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